गोपाल खेमका हत्याकांडः गांधी मैदान के थाना प्रभारी राजेश कुमार को आईजी जितेंद्र कुमार राणा ने किया निलंबित
By एस पी सिन्हा | Updated: July 16, 2025 18:46 IST2025-07-16T18:45:14+5:302025-07-16T18:46:15+5:30
Gopal Khemka murder case: गोपाल खेमका की हत्या थाने से महज कुछ ही कदम की दूरी पर हुई थी और आरोपी आसानी से हत्या कर मौके से फरार हो गया था।

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पटनाः बिहार की राजधानी पटना में पिछले दिनों हुए चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में गांधी मैदान थाना के थाना प्रभारी राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा के अनुशंसा पर आईजी, पटना प्रक्षेत्र जितेंद्र कुमार राणा ने गांधी मैदान थाना के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि विधि व्यवस्था संधारण कंट्रोल करने में लगातार असफल हो रहे थे। गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में भी लापरवाही पाई गई थी। जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है।
एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने अपने समीक्षा के दौरान कई बिंदुओं पर राजेश कुमार को लापरवाह पाये थे। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। गोपाल खेमका की हत्या थाने से महज कुछ ही कदम की दूरी पर हुई थी और आरोपी आसानी से हत्या कर मौके से फरार हो गया था। जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस घटना के काफी देर बाद पहुंची थी।
बता दें कि बिहार के बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या पटना में बीते दिनों गोली मारकर कर दी गई थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड और शूटर को गिरफ्तार किया। हथियार सप्लायर एनकाउंटर में ढेर हुआ। पटना पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा किया और अब मास्टरमाइंड अशोक साव और शूटर उमेश यादव को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है।
दोनों का नार्को टेस्ट कराया जाएगा ताकि इस हत्या से जुड़े हर एक सच सामने आ सके। गोपाल खेमका की हत्या का अबतक जमीन विवाद कनेक्शन ही सामने आया है। पुलिस ने हाल में ही क्राइम सीन रीक्रिए भी कराया। शुरू में मास्टरमाइंड अशोक साव ने खुद को बेगुनाह बताया।
लेकिन मोबाइल लोकेशन की जांच में सच धराया कि जब गोपाल खेमका का हत्या हुआ तो उस समय अशोक साव गांधी मैदान इलाके में ही था जहां हत्या हुई थी। वहीं शूटर उमेश यादव ने यह कबूला है कि अशोक साव ने उसे सुपारी दी और उसने ही गोपाल खेमका को गोली मारी थी।
वहीं, एसएसपी कार्तिके शर्मा ने अपने हालिया निरीक्षण में गांधी मैदान थाना के कामकाज की विस्तृत समीक्षा की थी। इस दौरान उन्हें कई ऐसे बिंदु मिले, जिनमें थाना प्रभारी राजेश कुमार की गंभीर लापरवाही सामने आई। खासतौर से गोपाल खेमका हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल मामले में भी थाना की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे।
उल्लेखनीय है कि मात्र 4 महीने में राजेश कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है। राजेश कुमार 4 महीने पहले ही गांधी मैदान के थानेदार बने थे। बताया जा रहा है कि थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण, संवेदनशील मामलों में त्वरित कार्रवाई और लोक व्यवस्था बनाए रखने में थाना प्रभारी की भूमिका कमजोर रही। इसी आधार पर राजेश कुमार को कर्तव्य में घोर लापरवाही का दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है।