बच्चों को नमक-रोटी देने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर FIR को एडिटर्स गिल्ड ने बताया यूपी सरकार का क्रूर कदम, पत्र जारी कर निंदा की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2019 11:02 IST2019-09-03T11:02:05+5:302019-09-03T11:02:05+5:30
मिड-डे मील केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। मिड-डे मील सरकारी स्कूलों में बच्चों को एक वक्त का दोपहर का खाना दिया जाता है। मिड-डे मील का डाइट इस तरह तैयार किया गया है, जो कि एक बच्चे के लिए संतूलित आहार है। जिसमें सारे पोषक पदार्थ का ध्यान रखा गया है। यह योजना पूरे देश के सरकारी स्कूलों में चल रही है।

बच्चों को नमक-रोटी देने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर FIR को एडिटर्स गिल्ड ने बताया यूपी सरकार का क्रूर कदम, पत्र जारी कर निंदा की
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा की है। यूपी प्रशासन ने बच्चों को नमक-रोटी खिलाये जाने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर बीते दिन एफआईआर दर्ज करवाया था। पुलिस ने स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ साजिश करने के तहत एफआईआर दर्ज किया है।
एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट शेखर गुप्ता, जनरल सेक्रटरी एके. भट्टाचार्य और ट्रेजरार शीला भट्ट ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक खुला पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने पत्रकार पर एफआईआर दर्ज होने को निंदनीय और क्रूर बताया है। पत्र में यह भी लिखा है कि ये लोकतांत्रिक समाज में निर्भीक पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।
पत्र में एडिटर्स गिल्ड ने कहा, ये एक बहुत ही संजीदा मामला था और पत्रकार ने इसको उजागर करके सराहनीय काम किया है।
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/F3q4WAlphn
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) September 2, 2019
पुलिस ने एफआईआर दर्ज के पीछे क्या तर्क दिया है?
पुलिस का आरोप है कि पत्रकार पवन जायसवाल ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के साथ मिलकर साजिशन नमक-रोटी का खाने वीडियो बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने पत्रकार पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल व एक अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-B, 186, 193 और 420 के तहत केस दर्ज किया है।
जानें क्या है पूरा मामला
पिछले महीने मिर्जापुर के सीयुर प्राइमरी स्कूल में बच्चों के नमक-रोटी खाते हुए एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो को एक पत्रकार के द्वारा शूट किया गया। वीडियो वायरल होने के बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद स्कूल के शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई पर गाज गिरी थी।
That's roti with table salt for midday meal in a government school. Now one may argue the veracity of this video, but 4 things they can't refute:
— Amit Schandillia (@AmitSchandillia) https://twitter.com/AmitSchandillia/status/1164739327647088640?ref_src=…">August 23, 2019
They're kids.
In school uniform.
It IS roti and salt.
The venue IS a school.
(Tagging https://twitter.com/free_thinker?ref_src=twsrc%5Etfw">@free_thinker)
Credit: https://twitter.com/Brijendramzp?ref_src=twsrc%5Etfw">@Brijendramzphttps://t.co/w29RxtBgvS">pic.twitter.com/w29RxtBgvS
मिड-डे मील में लापरवाही के लिए दो शिक्षकों को किया गया निलंबित
बच्चों को नमक-रोटी बांटने की घटना मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लॉक के सियूर प्राथमिक स्कूल में हुई। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे जमीन पर बैठकर रोटी नमक खाते हुये दिख रहे हैं। उनके हाथों में रोटी है और थाली में सिर्फ नमक। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इस स्कूल में ज्यादातर दिन बच्चों को या तो रोटी नमक दिया जाता है या फिर नमक चावल।