पुलिस ने दिल्ली हिंसा मामले में दाखिल किया पांचवां आरोप पत्र, कहा- संपत्तियों को निशाना बना रही भीड़ ने व्यक्ति को जिंदा जलाया
By भाषा | Published: June 4, 2020 07:35 PM2020-06-04T19:35:12+5:302020-06-04T19:35:12+5:30
दिल्ली पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फरवरी में भड़की हिंसा मामले में पांचवा आरोप पत्र दाखिल किया और कोर्ट को बताया कि मुस्लिम भीड़ ने एक व्यक्ति को मिठाई की दुकान के भीतर कथित रूप से जिंदा जला दिया।
नई दिल्ली।दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को स्थानीय अदालत को बताया कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान हिन्दुओं की संपत्ति को निशाना बना रही मुस्लिम भीड़ ने एक व्यक्ति को मिठाई की दुकान के भीतर कथित रूप से जिंदा जला दिया। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फरवरी में भड़की हिंसा के संबंध में पांचवां आरोप पत्र दाखिल करते हुए पुलिस ने मिठाई की दुकान में काम करने वाले दिलबर नेगी की हत्या के आरोप में 12 लोग को नामजद किया है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रिचा परिहार के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। मजिस्ट्रेट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 18 जून की तारीख तय की। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। आरोप पत्र में इन लोगों पर हत्या, हिंसा करने, धर्म के आधार पर समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने, आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगाया गया है।
आरोप पत्र के अनुसार, 24 फरवरी को मुस्लिम समुदाय की भीड़ उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की ओर से आयी और हिंसा शुरू कर दिया। उन्होंने हिन्दुओं की संपत्ति का निशाना बनाया और देर रात तक उन्हें जलाते रहे। उसमें कहा गया है, उस दिन भीड़ द्वारा जलायी गई संपत्तियों में से एक दुकान का नाम अनिल स्वीट्स था, जहां से पुलिस को 26 फरवरी को नेगी का जला हुआ शव मिला।
पुलिस ने बताया कि नेगी दोपहर का भोजन करने और आराम करने के लिए दुकान की गोदाम पर गया हुआ था। आरोप पत्र के अनुसार, दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी जिले के कई हिस्सों में हाल में हिंसा हुए, जो कर्दम पुरी, मौजपुर, चांद बाग और डीआरपी स्कूल तथा राजधानी पब्लिक स्कूल के पास शिव विहार तिराहा से शुरू हुआ। अपराह्न करीब तीन बजे मुस्लिम समुदाय की भीड़ बृजपुरी पुलिया की ओर से आयी और हिंसा शुरू कर दिया।’’
उसमें कहा गया है, ‘‘हिंसा कर रही भीड़ ने हिन्दुओं की संपत्ति को निशाना बनाया, जिनमें मेसर्स अनिल स्वीट्स, अनिल डेयरी, पेस्ट्री की दुकान, किताब की दुकान, डीआरपी स्कूल और मेसर्स अनिल स्वीट्स का गोदाम आदि शामिल हैं। वे देर रात तक इन संपत्तियों को आग लगाते रहे और इसी समुदाय की भीड़ देर रात तक हावी रही।’’ आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 147 और 148 (दंगा करना और दंगा के लिये सजा), 149, 153 (ए) (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैर को बढ़ावा देना), 302 (हत्या), 201 (अपराध का साक्ष्य मिटाना) और 34 (समान मंशा) के तहत दाखिल किया गया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान दो भाई की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपपत्र दायर किए
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में गत फरवरी में हुए सांप्रदायिक हिंसा के दौरान कथित तौर पर दो भाई की हत्या के मामले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की अदालत के समक्ष दो आरोपपत्र दायर किए। हाशिम अली की हत्या के मामले में दायर आरोपपत्र में नौ आरोपी जबकि आमिर अली की हत्या के मामले में दायर अन्य आरोपपत्र में बतौर आरोपी 11 लोग नामजद हैं।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट रिचा परिहार की अदालत में दोनों आरोपपत्र दायर किए, जिसने मामले की अगली सुनवाई 18 जून तय की। भारतीय दंड सहिंता की धारा 147 एवं 148 (बलवा करना), 149 (गैर-कानूनी तरीके से एकत्र होना), 302 (हत्या), 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत आरोपपत्र दायर किए गए। पुलिस ने कहा कि 27 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जौहरी पुल इलाके से चार शव बरामद हुए थे, जिनमें से दो अली बंधुओं के थे।
आरोपपत्र के मुताबिक, 26 फरवरी की रात को अपने घर लौटने के दौरान अली बंधुओं को भीड़ ने पीट-पीटकर मारा डाला था। इसके मुताबिक, जांच के दौरान पाया गया कि 25-26 फरवरी की दरम्यानी रात में एक व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाया गया और इसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि ग्रुप में 125 सदस्य थे और इसके कुछ ही सदस्य संदेश भेज एवं प्राप्त कर रहे थे जबकि कुछ अन्य ''हिंसों में सक्रिय'' थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को फैले सांप्रदायिक हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई जबकि करीब 200 लोग घायल हुए।