गैंगवार के डर से सूना पड़ा दिल्ली का यह गांव, 16 साल के लड़के को सरेआम दागी गईं थीं 18 गोलियां
By पल्लवी कुमारी | Published: June 21, 2018 02:16 PM2018-06-21T14:16:50+5:302018-06-21T14:16:50+5:30
सोमवार (18 जून) को उत्तरी दिल्ली के संत नगर में 16 साल के मुकुल की 18 गोलियां मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल है।
नई दिल्ली, 21 जून: दिल्ली का एक गांव अभी ऐसा है जो एकदम सुनसान पड़ा हुआ है। बाहरी दिल्ली के ताजपुर कलां गांव के तमाम लोगों ने खुद को अपने घरों में कैद कर लिया है। यहां के लोग घर के अंदर से बाहर ही नहीं निकलना चाह रहे हैं। खबरें तो यह भी है कि इस गांव के लोगों ने अस्थायी तौर पर पलायन कर लिया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इस गांव के लोगों में इतना खौफ क्यों है।
दरअसल सोमवार (18 जून) को उत्तरी दिल्ली के संत नगर में 16 साल के मुकुल की 18 गोलियां मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल है। किशोर मुकुल की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वह जितेंद्र गोगी गैंग के प्रतिद्वंद्वी गैंग के सुनील बालयान उर्फ टिल्लू का भतीजा था।
आइए जानते हैं इस मर्डर और गांव की पूरी कहानी
गांव के पास पहसे गैंगस्टर टिल्लू का घर है, जिसका बरसों से जितेंद्र गोगी गैंग से विवाद चल रहा था। बीते दो सालों से वह सोनीपत जेल में बंद है, लेकिन दोनों गैंगों के बीच हमेशा ही खूनी जंग होते रहता है। परिवार को सुरक्षा का डर सता रहा है। गांव में प्रवेश करते ही एक गड्ढा इस तरह से खोद दिया गया है ताकि कोई भी अज्ञात वाहन रुक जाए। यही नहीं टिल्लू के घर की तरफ जाने वाली गली पर करीब आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और 10 सुरक्षा गार्ड हमेशा पट्रोलिंग कर रहे होते हैं।
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टिल्लू के परिवार वालों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मुकुल के सीने में 18 गोलियां उतारकर तो गोगी ने अपनी सारी हदें पार कर दी है। वहीं 20 जून को टिल्लू के एक पारिवारिक मित्र ने बताया, 'यह रंजिश अब गोगी की मौत के बाद ही खत्म होगी। मुकुल एक बच्चा था। आखिर उसका क्या अपराध था?'
गांव वालों का कहना है कि 1989 में जन्मे टिल्लू ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और सुनील मान जैसे लोगों से दोस्ती कर ली थी। जिसने लोकसभा कैंडिडेट दीपक भारद्वाज की 2013 में हत्या की थी। पिछले कुछ सालों से टिल्लू के परिवार के लोग ने गोगी को अपने निशाने पर रखा है। इनका खौफ इतना ज्यादा था कि डीटीसी के एंप्लॉयी रहे टिल्लू के बड़े भाई अनिल ने नौकरी तक छोड़ दी और घर पर ही रहते हैं।
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