दुमका कांड में CWC का बड़ा दावा- नाबालिग थी अंकिता, आरोपी शाहरुख पर POCSO एक्ट की धाराएं लगाने की सिफारिश
By विनीत कुमार | Published: August 30, 2022 08:19 AM2022-08-30T08:19:21+5:302022-08-30T08:24:11+5:30
दुमका में एक युवती को जला देने के मामले में बाल कल्याण समिति ने आरोपी शाहरुख पर पोक्सो कानून के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की है। बाल कल्याण समिति ने दावा किया है कि पीड़िता नाबालिग थी।
दुमका: झारखंड के दुमका जिले में शाहरुख नाम के एक शख्स द्वारा 12वीं की छात्रा अंकिता को जलाकर मार डालने के मामले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने नया दावा किया है। CWC ने कहा है कि जिस छात्रा को आग लगायी थी वह नाबालिग थी। इसके साथ ही सीडब्ल्यूसी ने आरोपी शाहरुख पर पोक्सो कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की।
समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं कक्षा के अंकपत्र के अनुसार उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी और वह बालिग नहीं थी जैसा कि पुलिस ने दावा किया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार दुमका सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने कहा, ‘हम सिफारिश करते हैं कि प्राथमिकी में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून की धाराएं भी जोड़ी जाए क्योंकि हमारी जांच के मुताबिक लड़की नाबालिग थी।’
अमरेंद्र कुमार ने कहा कि अंकिता की 10वीं की मार्कशीट के अनुसार उसका जन्म 26 नवंबर, 2006 को हुआ था। वह नाबालिग थी। इससे पहले दुमका पुलिस ने दावा किया था कि अंकिता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में अपनी उम्र 19 साल बताई थी। इस वजह से पुलिस ने एफआईआर में POCSO की धाराएं नहीं जोड़ी थी।
क्या है दुमका का ये पूरा मामला?
दुमका में अंकिता नाम की युवती पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा देने की पूरी घटना 23 अगस्त की है। आरोपी शाहरुख ने नाबालिग पर उसके कमरे की खिड़की के बाहर से कथित तौर पेट्रोल छिड़का और उसे आग लगा दी। घटना के वक्त अंकिता सो रही थी। इसके बाद लड़की को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार तड़के ढाई बजे उसकी मौत हो गई।
आरोपी शाहरुख को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। 12वीं की छात्रा अंकिता कुमारी को पहले दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) रेफर कर दिया गया था। हालांकि उसकी जान नहीं बच सकी।
(भाषा इनपुट)