प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी नागरिक के खिलाफ धनशोधन कानून के तहत मामला किया दर्ज

By अनुराग आनंद | Updated: August 17, 2020 19:21 IST2020-08-17T17:23:45+5:302020-08-17T19:21:12+5:30

आरोपी न केवल भारत में सफलतापूर्वक हवाला रैकेट चला रहा था, बल्कि जासूसी का काम भी कर रहा था।

Chinese hawala disclosed, at the behest of China, Charlie Peng gave bribe to preventive Tibetans living in Delhi | प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी नागरिक के खिलाफ धनशोधन कानून के तहत मामला किया दर्ज

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsदिल्ली पुलिस और आयकर विभाग ने भी इससे पहले आरोपी से इस मामले में विशेष पूछताछ की थी।चीनी खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली में निर्वासित रह रहे तिब्बतियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी।मजनू का टीला में जिन लोगों को रिश्वत दी गई है, उनकी पहचान की जा रही है। 

नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी हवाला रैकेट के मामले में एक मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस ने एक खुलासा किया था कि आरोपी करीब सात साल से चार्ली पेंग के फर्जी नाम से भारत में रह रहा था। 

आरोपी न केवल भारत में सफलतापूर्वक हवाला रैकेट चला रहा था, बल्कि जासूसी का काम भी कर रहा था। दिल्ली पुलिस और आयकर विभाग ने भी इससे पहले आरोपी से इस मामले में विशेष पूछताछ की थी। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक चीनी नागरिक के खिलाफ फर्जी या संदिग्ध कंपनियों का उपयोग करके अनुमानत: 1,000 करोड़ रुपये का हवाला रैकेट चलाने के आरोप में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने 42 वर्षीय चार्ली पेंग उर्फ लुओ सांग के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराएं लगायी हैं जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह इस रैकेट का सरगना है। पेंग और उसके कुछ कथित सहयोगियों के खिलाफ 12 अगस्त को आयकर विभाग ने छापेमारी की थी जिनमें भारतीय और बैंककर्मी शामिल हैं।

आयकर अधिकारियों ने गुरूग्राम में पेंग के परिसर सहित कम से कम दो दर्जन परिसरों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने पेंग के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक मामला दर्ज करने से पहले आयकर विभाग के साक्ष्य एवं कार्रवाई तथा पेंग के खिलाफ दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई की प्राथमिकी का संज्ञान लिया है।

सूत्रों के अनुसार पेंग पर आरोप है कि उसके पास एक फर्जी भारतीय पासपोर्ट है और आयकर अधिकारियों ने कहा था कि उसने पिछले दो-तीन सालों में ‘‘चीन से हवाला राशि इधर- उधर करने के लिए छद्म कंपनियों का जाल बनाया है।’’

उन्होंने कहा कि दिखावे के लिए उसका व्यवसाय चिकित्सा और इलेक्ट्रॉनिक सामान और कुछ अन्य वस्तुओं के आयात और निर्यात का था। 

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में पता चला था कि पेंग के जरिए चीनी खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली में निर्वासित रह रहे तिब्बतियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी। उनके निशाने पर उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाले लामा और भिक्षु थे।

इस मामले में पता चला था कि पेंग ने कभी उन्हें सीधे पैसे नहीं दिए थे, लेकिन इसके लिए उसने अपने कार्यालय के कर्मचारियों का इस्तेमाल किया था। मजनू का टीला में जिन लोगों को रिश्वत दी गई है, उनकी पहचान की जा रही है। 

पेंग का दावा है कि उसके कार्यालय के कर्मचारियों ने पैकेट में पैसे का भुगतान किया जिसमें आमतौर पर दो से तीन लाख रुपये थे। मिल रही जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले चीन से पेंग 2014 में भारत आया था। यहां उसने नूडल्स का व्यापार करना शुरू कर दिया।

उसने इतने समय में अपना भारत में इतना पकड़ बना लिया कि वह हवाला तक पहुंच गया। इसके बाद कई बार उसने दलाई लामा की टीम में हिस्सा लेने का भी फैसला किया था। 

Web Title: Chinese hawala disclosed, at the behest of China, Charlie Peng gave bribe to preventive Tibetans living in Delhi

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