बिहार में थमने का नाम नहीं ले रहा बच्चों की तस्करी का मामला, वेश्यावृत्ति, बाल मजदूरी की आग में खत्म हो रहा बचपन

By एस पी सिन्हा | Updated: August 8, 2025 15:37 IST2025-08-08T15:36:21+5:302025-08-08T15:37:13+5:30

Bihar Child Trafficking: अभियान में पुलिस के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही

child trafficking is not stopping in Bihar children are pushed into orchestra prostitution and child labour | बिहार में थमने का नाम नहीं ले रहा बच्चों की तस्करी का मामला, वेश्यावृत्ति, बाल मजदूरी की आग में खत्म हो रहा बचपन

बिहार में थमने का नाम नहीं ले रहा बच्चों की तस्करी का मामला, वेश्यावृत्ति, बाल मजदूरी की आग में खत्म हो रहा बचपन

Bihar Child Trafficking: बिहार पुलिस ने पिछले छह महीनों में राज्य के अलग-अलग जिलों से 271 लड़कियों और 506 बच्चों को मानव तस्करी, देह व्यापार और बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। जबकि 191 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 23 महिलाएं शामिल हैं। अधिकांश पीड़ित बिहार के अलावा अन्य राज्यों और नेपाल के निवासी हैं। दरअसल, बेबस व मजबूर लड़कियों को शादी और करियर के नाम पर जाल में फंसाकर उन्हें बेचने मानव तस्कर गिरोह को सौंपने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

किशोरियों को जाल में फंसाने के बदले गिरफ्तार महिला को भी कमीशन मिलता था। इस काम में उसके साथ कुछ और लोगों की संलिप्तता भी सामने आई है।

इस बीच आर्केस्ट्रा समूहों में बच्चों, विशेषकर नाबालिग लड़कियों के बड़े पैमाने पर शोषण को उजागर करते हुए, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन ने उच्च न्यायालय से राज्य स्तरीय समन्वय तंत्र के निर्माण का निर्देश देने का आग्रह किया।

पटना उच्च न्यायालय ने 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की तस्करी को एक गंभीर मुद्दा बताया है और बिहार सरकार को राज्य में आर्केस्ट्रा और नृत्य समूहों को विनियमित करने का निर्देश दिया है। जेआरसी ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को नाबालिग लड़कियों के शोषण को रोकने, आर्केस्ट्रा समूहों के विनियमन और निगरानी सुनिश्चित करने और बिहार पीड़ित मुआवजा योजना, 2014 (2019 में संशोधित) के प्रावधानों के तहत पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने के लिए सभी हितधारकों के सहयोग से एक व्यापक और समन्वित कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दे।

अदालत ने अपने आदेश में राज्य के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई का आदेश देते हुए 25 जुलाई को अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

पुलिस ने इन मामलों में कुल 245 प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2025 से अब तक बचाई गई 271 लड़कियों में से 153 को जबरन आर्केस्ट्रा समूहों में नचाया जा रहा था, जबकि 118 लड़कियों को देह व्यापार में धकेला गया था। यह बचाव अभियान रोहतास, सीवान, सारण, बेतिया, गोपालगंज और बेगूसराय सहित अन्य जिलों में चलाया गया। अभियान में पुलिस के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

बचाई गई लड़कियों में अधिकांश नेपाल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और मध्य प्रदेश की निवासी हैं। पुलिस ने बताया कि देह व्यापार में धकेलने के आरोप में 231 प्राथमिकी और आर्केस्ट्रा में जबरन नचाने के मामले में 14 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

पुलिस के अनुसार, कुछ लड़कियों को नशे की लत लगाकर देह व्यापार में उतारा गया था, जबकि कई बच्चों को निर्माण कार्य, होटल, ईंट-भट्ठों और खेतों में जबरन मजदूरी कराई जा रही थी। इन बच्चों को पुनर्वास की प्रक्रिया में रखा गया है। एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने बताया कि मानव तस्करी की रोकथाम और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सभी आरोपियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और शेष दोषियों की तलाश जारी है। बीते तीन महीने में करीब 200 बच्चों का रेस्क्यू किया गया और 52 मानव तस्करों को दबोचा गया है।

पूछताछ में सामने आया कि तस्कर परिजनों से झूठ बोलकर और पैसे का लालच देकर बच्चों को ले जाते हैं। इससे लिए वे गांव-गांव घूमकर गरीब परिवार की रेकी करते हैं। फिर परिजन की काउंसिलिंग करते हैं और कुछ रकम देकर बच्चों को ले जाते है। सबसे अधिक बच्चों को पंजाब और हरियाणा में दुकान, फैक्ट्री, खेत में काम कराने ले जाया जाता है। उन्होंने बताया कि मानव तस्करों पर निगरानी के लिए आरपीएफ ने एक टीम बना रखी है। हर दूसरे-तीसरे सप्ताह इन ट्रेनों से मानव तस्करों से बच्चों को मुक्त कराया जा रहा है।

इसके अलावा दक्षिण भारत जाने वाली यशवंतपुर और बेंगलुरु एक्सप्रेस से भी तस्कर बच्चों को ले जा रहे हैं। कुंदन कृष्णन ने बताया कि ज्यादातर तस्कर कोसी व मिथिलांचल क्षेत्र के होते है। कोसी क्षेत्र में आर्थिक संपन्नता नहीं है। उन्होंने बताया कि कोसी, मिथिलांचल के अलावा सारण जिला के भी कुछ मानव तस्करी में संलिप्त हैं, जो सारण से सटे मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान व चंपारण इलाके के बच्चों को मजदूरी के लिए ले जाते है।

Web Title: child trafficking is not stopping in Bihar children are pushed into orchestra prostitution and child labour

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