IIT खड़गपुर के छात्र की मौत के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, सभी संदिग्धों के नार्को टेस्ट की दी इजाजत, जानें पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: June 14, 2023 01:47 PM2023-06-14T13:47:53+5:302023-06-14T13:51:30+5:30
आईआईटी, खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की मौत के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सभी संदिग्ध के नार्को टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है। अहमद का शव 14 अक्टूबर, 2022 को उसके छात्रावास के कमरे में मिला था।
कोलकाता: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के एक छात्र फैजान अहमद की मौत के मामले में जारी जांच के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस केस में सभी संदिग्ध के नार्को टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है। हाई कोर्ट ने इस मामले के लिए एक विशेष जांच समिति (एसआईटी) का गठन किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार छात्र छात्र के शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराने के बाद आए नतीजों के आधार पर यह फैसला लिया गया है। दूसरी बार पोस्टमार्टम के बाद कुछ ऐसी चोटें मिली हैं, जिससे छात्र की हत्या का शक गहरा होता है।
तीसरे वर्ष के छात्र फैजान अहमद के शव को कब्र से खोदकर निकाला गया था और दूसरी बार पोस्टमार्टम में उसके सिर के पिछले हिस्से में चोट के निशान की बात सामने आई थी। अहमद का शव 14 अक्टूबर, 2022 को उसके छात्रावास के कमरे में मिला था। दूसरी बार 27 मई को शव का पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, ‘23 वर्षीय फैजान की मौत अत्यधिक रक्तस्राव होने और सीने एवं सिर पर इसका संयुक्त प्रभाव पड़ने के कारण हुई थी।’
बहरहाल कोर्ट ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि जांच टीम नार्को टेस्ट के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती है और दूसरे पोस्टमार्टम से आए निष्कर्षों को देखते हुए सभी पक्षों को इसमें सहयोग करना होगा।
गौरतलब है कि 23 साल के अहमद की मौत के बाद आईआईटी, खड़गपुर ने इसे आत्महत्या करार दिया था। हालांकि परिवार ने हत्या का अंदेशा जताया था। मृतक छात्र के पिता ने अपने बेटे की मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन को लेकर उच्च न्यायालय का रुख किया था।
बता दें कि पिछले सुनवाई में पहले पोस्टमार्टम में चोट के अहम पहलू को शामिल नहीं किए जाने को लेकर आश्चर्य जाहिर करते हुए जस्टिस राजशेखर मंथा ने मंगलवार को केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल), राजरहाट के निदेशक को उन परिस्थितियों की जांच का निर्देश दिया जिसकी वजह से यह अहम तथ्य छूट गया। अदालत ने कहा था कि ‘ऐसे गंभीर सवाल हैं जिन्हें पुलिस और जांच अधिकारी द्वारा हल किए जाने की जरूरत है।’ न्यायमूर्ति मंथा ने निर्देश दिया कि जांच अधिकारी प्राथमिकी में अतिरिक्त धाराएं जोड़ने और अन्य व्यक्तियों को आरोपी के तौर पर शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं।
अदालत ने कोलकाता पुलिस को फैजान के शव को वापस असम के डिब्रूगढ़ ले जाने की व्यवस्था करने और अंतिम संस्कार के लिए परिवार के सदस्यों को सौंपने का भी निर्देश दिया था। छात्र डिब्रूगढ़ का निवासी था और उसे वहीं दफनाया गया था।