छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज के घर पर चला बुलडोजर, इस नेटवर्क की था अहम की
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 26, 2025 21:12 IST2025-07-26T21:12:05+5:302025-07-26T21:12:16+5:30
बलरामपुर के गैडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरा माफी में सबरोज का घर सरकारी जमीन पर बना था. जिस प्रशासन की चेतावनी के बाद भी सबरोज परिवार ने अवैध निर्माण नहीं हटाया.

छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज के घर पर चला बुलडोजर, इस नेटवर्क की था अहम की
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में पकड़े गए अवैध धर्मांतरण के सरगना छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के भतीजे सबरोज का घर शनिवार को जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान की मौजूदगी में बुलडोजर से गिरा दिया गया. बलरामपुर के गैडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरा माफी में सबरोज का घर सरकारी जमीन पर बना था. जिस प्रशासन की चेतावनी के बाद भी सबरोज परिवार ने अवैध निर्माण नहीं हटाया. इस पर प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने उसके ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. छांगुर बाबा के पकड़े गए अन्य साथियों की सम्पत्तियों के बारे में जिला प्रशासन जांच कर रहा है.
छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गत 19 जुलाई को बलरामपुर से गिरफ्तार किया था. एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, छांगुर बाबा अवैध धर्म परिवर्तन का नेटवर्क की सबरोज एक अहम कड़ी था. उसके जरिए छांगुर बाबा पूर्वांचल, खासकर बलरामपुर और आजमगढ़, में अवैध धर्म परिवर्तन की गतिविधियों को अंजाम देता था. इन दोनों ही जिलों में जमीन खरीदने में भी सबरोज की भूमिका रहती थी. एटीएस की जांच में यह खुलासा भी हुआ है कि सबरोज ने गरीब हिंदू परिवारों की दो दर्जन से अधिक लड़कियों को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया था.
इस्लाम कबूल करने वाली लड़कियों के इसके लिए पैसे भी दिया गए. सबरोज ने जिन लड़कियों का अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराया उनका भी एटीएस ने पता लगा लिया है. छांगुर बाबा ने नवीन रोहरा से मिली रकम को सबरोज के जरिए जमीन खरीदने में निवेश भी किया है. किन-किन ज़मीनों को इन लोगों ने खरीदा है, इसका पता लगाया जा रहा।
एटीएस को इदुल इस्लाम की तलाश :
फिलहाल एटीएस के अधिकारी छांगुर बाबा के पकड़े गए आठ सहयोगियों के नजदीकी लोगों के बारे में बलरामपुर, आजमगढ़, देवरिया, बहराइच, नोएडा, दिल्ली, चेन्नई और मुंबई में जानकारी जुटा रहे हैं. इस पड़ताल के तहत एटीएस के हाथ छांगुर बाबा से जुड़े इदुल इस्लाम के बारे में पता चला है. इसकी तलाश में एटीएस की टीम नागपुर और मुंबई गई है.
एटीएस के अनुसार, छांगुर बाबा ने नवीन और उसकी पत्नी के जरिए दुबई, सऊदी अरब और तुर्की तक अपनी पहुंच बनाई थी. देश और विदेश के करीब तीन हजार से अधिक लोगों को उसने अपने साथ जोड़ लिया था. उसके संबंध उन संस्थाओं से भी रहे हैं कि जो देश में अशांति फैला रही हैं. दुबई, सऊदी अरब से जुड़े संदिग्ध संगठनों से संपर्क तलाशे जा रहे हैं। नेपाल में छांगुर गिरोह की गतिविधियों की पड़ताल में राज खुल सकते हैं.
यह भी पता लगाया जा रहा है कि छांगुर बाबा ने अपने मूल गांव रेहरामाफी में उतरौला के मधपुर में अपना ठिकाना क्यों बनाया. जबकि उसके पास मुंबई में रहने का ठिकाना था. और विदेश में रहने वाला नवीन उतरौला में रहने क्यों आया. क्या इसलिए कि छांगुर बाबा के जरिए नेपाल सीमा के समीपवर्ती इस गांव को यह लोग धर्मांतरण के लिए उपयुक्त मान रहे थे.
फिलहाल छांगुर बाबा से पीड़ित लोग अब जिलों में शिकायतें कर रहे हैं. इस शिकायतों के आधार पर भी एटीएस अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है और इस प्रयास में है कि जल्द से जल्द छांगुर बाबा की पूरी करतूत और उनक गिरोह के इदुल इस्लाम सरीखे बाकी बचे लोगों को पकड़ा जाए.