बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप आरोपी को जमानत देते हुए कहा, '16 साल 6 महीने की पीड़िता को "एक्ट" के बारे में जानकारी थी, परिणाम को समझती थी'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 10, 2022 22:30 IST2022-04-10T22:24:07+5:302022-04-10T22:30:59+5:30
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि तथ्यों के आधार पर हमें यह ध्यान रखना जरूरी है 16 साल 6 महीने की पीड़िता को उस एक्ट के बारे में जानकारी थी और वो उसका परिणाम भी अच्छे से समझ रही थी।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप आरोपी को जमानत देते हुए कहा, '16 साल 6 महीने की पीड़िता को "एक्ट" के बारे में जानकारी थी, परिणाम को समझती थी'
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले की सुनवाई करते हुए लगभग दो साल और छह महीने से जेल में बंद आरोपी रोहित सुकाटे को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
बेल ऑर्डर में जस्टिस सीवी भडांग की बेंच ने कहा, "तथ्यों के आधार पर हमें यह ध्यान रखना जरूरी है 16 साल 6 महीने की पीड़िता को उस एक्ट के बारे में जानकारी थी और वो उसका परिणाम भी अच्छे से समझ रही थी।"
कोर्ट ने इस आधार पर जेल में बंद कोल्हापुर के रेप आरोपी रोहित सुकाटे जमानत दे दी है, जिस पर अपने दोस्त की नाबालिग बहन के साथ रेप का मामला दर्ज है।
जस्टिस सीवी भडांग की बेंच ने इसके साथ ही यह भी कहा, "घटनाक्रम की परिस्थितियां बतचा रही हैं कि पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाने में आरोपी ने कोई बल या जबरदस्ती नहीं की। इसके अलावा मेडिकल रिपोर्ट से भी यह साफ पता चलता है कि आरोपी ने संबंध बनाने के दौरान सुरक्षा कंडोम का भी इस्तेमाल किया था।"
इसी आधार पर आरोपी रोहित सुकाटे की जमानत को मंजूरी देते हुए जस्टिस भडांग ने कहा कि मामले में जांच पूरी हो गई है और कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। इसके अलावा आरोपी भी लगभग दो साल और छह महीने से जेल में बंद है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि आरोपी को अब और सलाखों के पीछे रखने की जरूरत है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस तरह रेप आरोपी रोहित सुकाटे को जमानत देते हुए जेल से रिहा करने का आदेश दिया। जिसे कोल्हापुर पुलिस ने 9 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था और तब से रोहित जेल में ही था।
जस्टिस भडांग ने कहा कि जब पीड़िता 18 वर्ष से कम उम्र की हो तो उसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) के तहत नाबालिग मानते हुए केस की सुनवाई की जाती है लेकिन इस मामले में ध्यान रखना आवश्यक है कि पीड़िता 16 साल और 6 महीने की ही थी और उसे उस उम्र में उस एक्ट के परिणाम के बारे में सब कुछ पता था।
इस मामले में सरकारी वकील ने कहा कि पीड़िता के पिता ने जब रेप के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी तो उसकी उम्र उस समय 16 साल और 6 महीने थी और आरोपी रोहित पीड़िता के दोस्त का भाई था और उससे पूर्व परिचित था।
मई 2019 में पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि आरोपी रोहित ने उसे उसके घर के पीछे बुलाया था और वहां उसने प्यार और शादी की झासा देकर उसके साथ रेप किया।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि कुछ महीनों तक रोहित और उसके बीच में यह सब चलता रहा लेकिन सितंबर 2019 में पीड़िता के पिता कोरोहित के साथ उसके रिश्तों का पता चल गया। जिसके बाद पिता ने रोहित के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवाई और कोल्हापुर पुलिस ने 9 सितंबर को रोहित को गिरफ्तार कर लिया।
बॉम्बे हाईकोर्ट में आरोपी रोहित की ओर से पेश हुए वकील पारस यादव ने जमानत के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि यह बात सही है कि पीड़िता घटना के समय नाबालिग थी, लेकिन उसने एक्ट के नेचर और उसके परिणाम के बारे में अच्छी तरह से पता था।
वकील यादव ने आगे कहा कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट को देखने से बय बात साबित हो रही है कि रोहित और पीड़िता के बीच बने संबंध में कहीं जोरृजबरदस्ती नहीं थी बल्कि यह संबंध आपसी सहमति के आधार पर बने थे।
दूसरी ओर रोहित के वकील पारस यादव के दलीलों का विरोध करते हुए सरकारी वकील एआर कपड़नीस ने अपने तर्क में कहा कि घटना के समय पीड़िता यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत एक "बच्ची" थी और आरोपी ने उसे बहला-फुसला कर कई बार उसका यौन शोषण किया है।