जुड़वा बेटी पैदा होने पर शौहर ने फोन से दे दिया बीबी को तीन तलाक
By एस पी सिन्हा | Published: August 4, 2019 03:55 PM2019-08-04T15:55:36+5:302019-08-04T15:55:36+5:30
बताया जा रहा है कि कर्णपुर पंचायत के महेशपुर वार्ड 2 निवासी मोहम्मद इसराइल की पुत्री फरजाना का निकाह बसबिट्टी के नुरुल होदा के पुत्र एकरामुल से तीन साल पहले हुआ था.
देश में तीन तलाक विधेयक के पारित होने के महज चार दिन बाद ही बिहार के सुपौल जिले के सदर थाना क्षेत्र के बसबिट्टी-महेपुर गांव में फोन पर अपनी पत्नी को कथित रूप से तलाक देने का मामला प्रकाश में आया है. महिला को उसके पति ने फोन पर ही तलाक दे दिया.
फर्जाना खातून को उसके पति ने फोन पर इसलिए तीन तलाक दे दिया क्योंकि उसने महज 10 दिन पहले जुड़वा बेटी को ऑपरेशन के जरिये जन्म दिया. इस मामले में पीडिता फर्जाना खातून शिकायत लेकर महिला थाना पहुंची. पुलिस कार्रवाई में जुट गई है.
बताया जा रहा है कि कर्णपुर पंचायत के महेशपुर वार्ड 2 निवासी मोहम्मद इसराइल की पुत्री फरजाना का निकाह बसबिट्टी के नुरुल होदा के पुत्र एकरामुल से तीन साल पहले हुआ था. निकाह के एक साल बाद ऑपरेशन के बाद लडकी पैदा हुई. लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई. इस बीच 20 जुलाई को फिर से फर्जाना ने जुडवां बेटी को जन्म दिया.
इसके बाद से ही फर्जाना का शौहर और उसका परिवार फर्जाना से नाखुश रहने लगा था. परिजनों ने फर्जाना को अपने मां बाप से दोनों बच्ची के नाम पर 1-1 लाख रुपया फिक्स कराने का दबाव दिया. लेकिन फर्जाना के द्वारा असमर्थता जताने पर उसे प्रताडित करने लगे. इसी क्रम में शनिवार की रात एकरामुल ने मां-बाप के कहने पर बाहर रह रहे एकरामुल ने फरजाना को फोन पर तीन तलाक बोलकर काट दिया. इसके बाद एकरामुल के परिजनों ने फर्जाना को रात के 2 बजे उसे घर से निकाल दिया.
पीडिता जब ससुराल से निकाल दी गई तो वो रात के अंधेरे में अपने दो बेटियों को गोद में लेकर घर की ओर चल दी. जब उसके पीछे कुछ आवारा कुत्ते भौंकने लगे और उन कुत्तों से खुद को बचाते हुए भाग रही थी तो गांव की कुछ महिलाओं ने कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकार पीडिता को देखा और सकुशल रात के तीन बजे मायके पहुंचाया. इसके बाद वह अपने पिता के साथ आज महिला थाना पहुंची.
पीड़िता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी को कई दिनों से पैसे के लिए प्रताडित किया जाता था, वहीं उसकी मां मोदी सरकार का तीन तलाक कानून बनाने को लेकर धन्यवाद देती हैं और कहती हैं कि सरकार तीन साल की सजा के बजाय आजीवन का प्रावधान करें. पुलिस इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचती नजर आ रही है और जांच का हवाला दे रही है.