पटनाः बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में और नालंदा जिले के बिहार शरीफ में रामनवमी जुलूस के दौरान उपजे विवाद के बाद हिंसा थमने का नहीं ले रही है। असामाजिक तत्वों ने सासाराम में आज यानी मंगलवार को सुबह एक धर्मस्थल को फूंकने की कोशिश की, नहीं फूंक सके तो परिसर की झोपड़ियों को ही जला दिया।
दोनों जगहों पर हुई हिंसा के मामले में अभी तक 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इंटरनेट सेवा शुक्रवार से ही बंद हैं। बच्चों के स्कूल-कोचिंग को भी चार अप्रैल तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है।केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ स्थानीय प्रशासन चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद हैं। केंद्र ने बिहार में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की दस बटालियनें भेजी हैं।
नालंदा से जहां रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान हुए दो गुटों में हिंसक झड़प के बाद अब शहर की हालत सामान्य होने लगी है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन के नेतृत्व में मंगलवार को शहर में प्रबुद्ध लोगों की ओर से सद्भावना मार्च निकाला गया। इस दौरान डीएम, सांसद, एसपी समेत कई गणमान्य लोग भी इस मार्च में शामिल हुए।
उधर, सासाराम में हुई अगलगी की घटना के बाद में आसपास हड़कंप मच गया। पुलिस सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोग और फायरब्रिगेड की मदद से झोपड़ी में लगी आग पर काबू पाया। गनीमत यह थी कि अगलगी के वक्त झोपड़ी में कोई नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
इस घटना के बाद लोगों में काफी आक्रोश है। स्थानीय लोग असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सभी का कहना है कि पुलिस की तैनाती के बावजूद में इलाके में इस तरह की घटना हो रही है। हमलोग दहशत में हैं। बिहार सरकार से अपील है कि वह इलाके में केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात करे। हमलोग डरे सहमे हुए हैं।
रोहतास जिले के एसपी विनीत कुमार ने बताया कि शहर में फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी की जा रही है। एसपी ने बताया कि कि रामनवमी के बाद हिंसा को पुलिस के द्वारा नियंत्रित कर लिया गया है।