नेपाल के रास्ते जैश-ए-मोहम्मद के 3 आतंकी हसनैन अली, आदिल हुसैन और मोहम्मद उस्मान बिहार में दाखिल, खुफिया एजेंसियों की चेतावनी, पुलिस मुख्यालय सतर्क
By एस पी सिन्हा | Updated: August 28, 2025 15:28 IST2025-08-28T15:27:44+5:302025-08-28T15:28:33+5:30
हसनैन अली (रावलपिंडी निवासी), आदिल हुसैन (उमरकोट निवासी) और मोहम्मद उस्मान (बहावलपुर निवासी) शामिल हैं।

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पटनाः बिहार में आतंकी हमले की साजिश की जानकारी सामने आई है। खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बाद, बिहार पुलिस मुख्यालय ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन संदिग्ध आतंकियों के नेपाल के रास्ते बिहार में घुसने की खबर हैं। आतंकियों के घुसने की खबर मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जिला खुफिया इकाइयों को भी निगरानी तेज करने, जानकारी जुटाने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार भीड़-भाड़ वाले इलाकों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और होटलों पर विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें कोई भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं।
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी देश के किसी भी हिस्से में बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के चलते बिहार विशेष रूप से संवेदनशील माना जा रहा है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जिन तीन आतंकियों के नेपाल के रास्ते बिहार में घुसने की खबर है।
इनमें हसनैन अली (रावलपिंडी निवासी), आदिल हुसैन (उमरकोट निवासी) और मोहम्मद उस्मान (बहावलपुर निवासी) शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये आतंकी अगस्त के दूसरे हफ्ते में काठमांडू पहुंचे और तीसरे हफ्ते में नेपाल सीमा से बिहार में दाखिल हुए। आशंका है कि ये किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं।
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर खासकर सीमावर्ती जिले सीतामढ़ी, मधुबनी, पश्चिम चंपारण, अररिया, किशनगंज और सुपौल में चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय ने इनके नाम, फोटो और पासपोर्ट की जानकारी सभी सीमावर्ती जिलों को भेज दी है ताकि उनकी खोजबीन की जा सके।
बता दें कि बिहार की नेपाल के साथ 729 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जो इसे घुसपैठ का एक आसान रास्ता बनाती है। राज्य के सात जिले, जिनमें पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं, सीधे इस सीमा से जुड़े हैं। इस लंबी और खुली सीमा पर चौबीसों घंटे निगरानी रखना एक बड़ी चुनौती है।
यह पहली बार नहीं है जब इस रास्ते से संदिग्धों ने घुसपैठ की है। तीन महीने पहले भी 18 संदिग्ध व्यक्ति बिहार में घुस आए थे, जिनमें से एक खालिस्तानी ऑपरेटिव को गिरफ्तार कर लिया गया था। उल्लेखनीय है कि पटना के गांधी मैदान में एक बीजेपी की रैली के दौरान नरेंद्र मोदी (जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे) के स्पीच से पहले और बाद में कई बम धमाके हुए थे।
इस हमले में 6 लोग मारे गए थे। करीब 89 लोग घायल हुए थे। यह धमाका पटना के गांधी मैदान और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए थे। इस आतंकी हमले को भी इंडियन मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था। इसके अलावे बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर में एक के बाद एक कई बम विस्फोट हुए थे। इन हमलों में 5 लोग घायल हुए थे, जिनमें 2 बौद्ध भिक्षु भी शामिल थे।
इस हमले के पीछे इंडियन मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे आतंकवादी संगठन का हाथ था। 7 जुलाई, साल 2013 को बोधगया में बम ब्लास्ट के बाद एक बार फिर 19 जनवरी 2018 को बोधगया को बम से दहलाने की नाकाम कोशिश आतंकियों की तरफ से की गई थी। हालांकि आतंकी संगठन इसमें नाकाम साबित हुए थे।