बिहार: पुलिस ने भी नौकरी के बदले सिपाही की विधवा से मांगा सेक्सुअल फेवर, ऑडियो हुआ वायरल
By एस पी सिन्हा | Published: October 27, 2018 07:56 PM2018-10-27T19:56:57+5:302018-10-27T19:56:57+5:30
वायरल ऑडियो में इंस्पेक्टर महिला से कह रहा है कि वह जब भी आवास पर आए तो अपने साथ एक फाइल लेकर पहुंचे। किसी को साथ नहीं लाए। उसके आवास पर एक जवान तैनात है। उस दिन जवान को हटा देने की बात इंस्पेक्टर ने महिला से कही।
बिहार में कानून के पहरेदार माने जाने वाले एक पुलिसकर्मी का ऐसा ऑडियो क्लिप रहा है, जिसमें नौकरी लगाने के बदले विधवा पर संबंध बनाने का दबाव दे रहा है।
रेल पुलिस के सार्जेंट मेजर का ऑडियो कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब पुलिस मुख्यालय में खलबली मच गई है। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने सिपाही की विधवा को नौकरी दिलाने और मेडिकल जांच में पास कराने के बदले अस्मत मांगने वाले सार्जेंट मेजर की रिपोर्ट तलब की है।
इस ऑडियो में सिपाही की विधवा को मेडिकल जांच से पहले इंस्पेक्टर अपने सरकारी आवास पर अकेले आने की बात कह रहा है। करीब 20 मिनट के इस ऑडियो में इंस्पेक्टर महिला से पूरी बात गोपनीय रखने को भी कह रहा है।
अब रेल पुलिस इंस्पेक्टर का अश्लील ऑडियो वायरल मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच की जिम्मेवारी समस्तीपुर की रेल डीएसपी स्मिता सुमन को दी गई है। रेल एसपी संजय कुमार ने रिपोर्ट 24 घंटे में तलब की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इंस्पेक्टर पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
रेल एसपी संजय कुमार सिंह ने बताया कि वायरल ऑडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। सिपाही की विधवा और आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर से आवाज की पुष्टी करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब मिलने और आवाज की सत्यता की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों की मानें तो सिपाही की विधवा को इंस्पेक्टर काफी लंबे समय से परेशान कर रहा था। उसकी अनुकंपा फाइल को भी तीन साल से दबाकर रखा था। इसकी वजह से उसका मेडिकल फिटनेस नहीं हो पा रहा था। इसके लिए वह पुलिस लाइन में लगातार चक्कर काट रही थी।
बताया यह भी जा रहा कि उक्त फाइल मेडिकल के लिए मेजर (आरोपी इंस्पेक्टर) के माध्यम से ही जाने वाला था। बताया जाता है कि वर्ष 2013 के फरवरी में सिपाही की मौत हो गई थी। उस समय वह समस्तीपुर रेल राजकीय थाना में पदस्थापित था।
इसके बाद अनुकंपा के आधार पर मृत सिपाही की पत्नी ने अपनी बहाली को लेकर विभाग में दावेदारी की थी। इसे लेकर तत्कालीन रेल एसपी ने तारीफ की थी। इसके बाद मेडिकल जांच कर उसकी तैनाती होती। कार्यालय में उसकी फाइल दबने की वजह से काफी विलंब से 2018 में मेडिकल जांच हुई और पास होने के बाद उसे प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।
ऐसे में मुजफ्फरपुर के रेल पुलिस में सार्जेंट मेजर के पद पर तैनात इंस्पेक्टर कामेश्वर दास के इस हरकत को गंभीरता से लेते हुए बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने शुक्रवार को डीजीपी केएस द्विवेदी और एडीजी पुलिस मुख्यालय एसके सिंघल से मुलाकात कर जांच कराने और कामेश्वर दास के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी।
यही नहीं, कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। दरअसल मुजफ्फरपुर रेल जिला के एक सिपाही की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उसकी विधवा को अनुकंपा पर नौकरी मिली, लेकिन मेडिकल जांच से पूर्व इंस्पेक्टर ने संबंध बनाने का दबाव दिया।
वायरल ऑडियो में इंस्पेक्टर महिला से कह रहा है कि वह जब भी आवास पर आए तो अपने साथ एक फाइल लेकर पहुंचे। किसी को साथ नहीं लाए। उसके आवास पर एक जवान तैनात है। उस दिन जवान को हटा देने की बात इंस्पेक्टर ने महिला से कही।
बताया जाता है कि नौकरी मिलने के बाद महिला एक माह से ट्रेनिंग कर रही है। वहीं, एडीजी, पुलिस मुख्यालय, संजीव कुमार सिंघल ने बताया कि पुलिस मेंस एसोसिएशन का शिष्टमंडल वायरल ऑडियो की शिकायत लेकर आया था। पूरे मामले में मुजफ्फरपुर रेल जिला के एसपी संजय कुमार सिंह से रिपोर्ट मांगी गई है।