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पीएफआई ठिकानों पर छापेमारी, एनआईए ने पूर्णिया, अररिया और औरंगाबाद में सर्च अभियान किया, कल सीमांचल पहुंच रहे हैं शाह

By एस पी सिन्हा | Updated: September 22, 2022 18:22 IST

बिहारः पूर्णिया के राजावाड़ी स्थित पीएफआई के कार्यालय में रात दो बजे से ही छापेमारी की जा रही थी। छापेमारी को लेकर कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था।

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ठळक मुद्देपीएफआई जिला अध्यक्ष सहित कई को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है। छापेमारी का नेतृत्व एनआईए के एसपी के द्वारा किया जा रहा था।बिहार आतंकवादियों के लिए स्लीपर सेल बनता जा रहा है।

पटनाः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार आगमन से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को बिहार में भी एनआईए ने पीएफआई के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। अमित शाह 23 और 24 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। इसमें वे पूर्णिया और किशनगंज में रहेंगे और वहां भाजपा के कई नेताओं से मुलाकात होगी।

 

इसके पहले सीमांचल के अलावा कई अन्य जिलों में एनआईए की टीमों द्वारा छापेमारी की गई है। बिहार में एनआईए ने तीसरी बार छापेमारी की है। पीएफआई टेरर फंडिंग मामले में केंद्रीय एजेंसी दो बार पहले भी अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार में भी पूर्णिया, अररिया और औरंगाबाद के अलावा औरंगाबाद-गया मार्ग पर छापेमारी की गई है।

पूर्णिया के राजावाड़ी स्थित पीएफआई के कार्यालय में रात दो बजे से ही छापेमारी की जा रही थी। छापेमारी को लेकर कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। सूत्रों के अनुसार एनआईए की टीम पीएफआई के जिला अध्यक्ष सहित कई सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है।

हालांकि इस पूछताछ में एनआईए की टीम को क्या जानकारी मिली है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। 23 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह के पूर्णिया में होने वाली जनसभा के पूर्व पीएफआई के कार्यालय में एनआइए की यह छापामारी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस छापेमारी का नेतृत्व एनआईए के एसपी के द्वारा किया जा रहा था।

दो दर्जन से अधिक सदस्यों के द्वारा एक एक कुंडली खंगाली गई है। उधर, एनआईए के द्वारा की गई छापेमारी पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कानून अपना काम कर रही है। पीएफआई एक भारत विरोधी संगठन है, जिसनें पूर्णिया को अपना सेंटर बनाया है।

उसकी प्लानिंग यही थी कि भारत को 1947 से पहले ही मुस्लिम राष्ट्र बना दिया जाए। ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब फुलवारी शरीफ में पीएफआई पर छापेमारी की गई थी तो पुलिस ने उसे सांस्कृतिक संगठन बताने की कोशिश की थी।

उन्होंने कहा कि सिम्मी संगठन लालू यादव के राज में पीएफआई के तौर पर काम करने लगी। नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों इन्हे सांस्कृतिक संगठन बताकर संरक्षण देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार आतंकवादियों के लिए स्लीपर सेल बनता जा रहा है।

टॅग्स :क्राइम न्यूज हिंदीPFIअमित शाहबिहारपटना
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