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देश के कई हिस्सों में इस्लामिक आतंकवादियों के हमले का जारी किया गया अलर्ट, हो सकता है फिदायीन अटैक

By एस पी सिन्हा | Updated: July 19, 2022 18:36 IST

अलर्ट के बाद सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाए जाने को कहा गया है। इस बीच आईबी ने भी बिहार को लेकर अलर्ट जारी किया है। 

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ठळक मुद्देइनपुट मिलने के बाद आईबी ने बिहार को लेकर अलर्ट जारी किया हैपुलिस मुख्यालय पूरी तरह चौकस हो गया, की गई उच्चस्तरीय बैठक

पटना: पीएफआई (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) की देश विरोधी गतिविधियों के बीच देश के कई हिस्सों में इस्लामिक आतंकवादियों के हमले का अलर्ट जारी किया गया है। इसमें देश के कई हिस्सों में फिदायीन दस्ते को हमले के लिए तैयार करने का इनपुट मिला है। इस अलर्ट के बाद सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाए जाने को कहा गया है। इस बीच आईबी ने भी बिहार को लेकर अलर्ट जारी किया है। 

वहीं, सीतामढ़ी में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा का वीडियो देखने पर युवक पर चाकूओं से हमला का मामले सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय पूरी तरह चौकस हो गया है। केन्द्रीय एजेंसियों से मिले इनपुट को देखते हुए पुलिस मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक की गई। बैठक में आइबी अलर्ट, फुलवारी मॉड्यूल और सीतामढ़ी मामले को लेकर सघन चर्चा हुई।

सूत्रों के अनुसार जांच और गिरफ्तार लोगों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पीएफआई के टारगेट पर बिहार का सीमांचल इलाका था। इस संगठन के लोगों की योजना ब्रेन वाश कर सीमांचल के बेरोजगार व अशिक्षित मुस्लिम युवाओं को पीएफआई से जोड़ने की थी। इन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देनी थी। सूत्रों के अनुसार इस बात का खुलासा रिमांड के दौरान फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज ने किया है। 

पूछताछ में उसने यह भी राज उगला है कि पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज, किशनगंज, मधुबनी और दरभंगा में रहने वाले मुस्लिम युवा उनकी प्राथमिकता में शामिल थे। पूछताछ के दौरान बिहार के टेरर मॉड्यूल में तुर्की का टेरर मॉड्यूल से सीधा कनेक्शन सामने आया है। जांच में यह पता चला है कि तुर्की समेत कई मुस्लिम राष्ट्रों से पीएफआई को फंड मुहैया कराया जा रहा है। पता यह भी चला कि पटना समेत अन्य प्रशिक्षण केंद्रों पर युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए ज्यादातर प्रशिक्षक केरल से आते थे। ऐसे में केरल में पीएफआई की जड़ें काफी गहरी मानी जा रही हैं।

सूत्रों के अनुसार पकड़े गए पीएफआई के बिहार के महासचिव मोहम्मद सनाउल्ला के खिलाफ अकेले बिहार पुलिस ही नहीं बल्कि देश की तमाम एजेंसियां भी लगी हुई हैं। जांच में यह पता चला है कि ताहिर 2016 से ही व्हाट्सएप, ईमेल और फेसबुक के जरिए पाकिस्तान में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के संपर्क में था। ताहिर पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन तहरिक ए लब्बैक से जुड़ा है। 

पाकिस्तान में फैजान नाम का एक व्यक्ति इसके साथ लगातार संपर्क में था। ताहिर ने भी गजवा-ए- हिंद के ग्रुप बनाने की बात कबूली है। वहीं, गिरफ्तार अतहर परवेज के मोबाइल फोन से भाजपा की पूर्व प्रवक्‍ता नूपुर शर्मा का फोन नंबर और उनका पता मिलने के बाद सभी केन्द्रीय एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। यह जानकारी एनआईए, आईबी और पटना पुलिस की छानबीन में सामने आई है। अतहर परवेज के मोबाइल फोन से नूपुर शर्मा का फोन नंबर और पता मिलने के बाद अब भाजपा की पूर्व प्रवक्‍ता पर हमले की आशंका जताई जाने लगी है।

अतहर परवेज और अरमान मलिक से पूछताछ के दौरान पीएफआई के नापाक मंसूबों के बारे में पता चलने के साथ साथ कई अन्य चौंकाने वाली जानकारियां भी हाथ लगी हैं। जांच एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ में पूर्ण‍िया को हेडक्‍वार्टर बनाने के बारे में भी अहम जानकारी हाथ लगी है। इस मामले का खुलासा होने के बाद से सभी जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार गजवा-ए-हिन्द वाट्सएप ग्रुप में पाकिस्तान समेत कई देशों के संदिग्धों के शामिल होने के चलते एटीएस जांच में केन्द्रीय एजेंसियों से भी मदद लेगी। एटीएस के अधिकारी इस सिलसिले में एनआईए समेत खुफिया एजेंसियों के संपर्क में हैं।

खुफिया एजेंसियों के द्वारा जारी इनपुट में कहा गया है कि अलकायदा की ओर से भारतीय उपमहाद्वीप में हमले के लिए दस्ते को भेजा गया है। गुजरात, यूपी, मुंबई और दिल्ली को विशेष निशाने पर रखा गया है। इसके अलावा इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) ने भी हमले की धमकी दी है। इस संगठन ने भारत के विरुद्ध किसी तरह का कदम नहीं उठाने के लिए तालिबान की आलोचना की है। वहीं भारत में जिहाद के लिए यहां के मुस्लिम युवाओं को भी बरगलाया जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो पूछताछ करने वाले अधिकारियों के सामने अतहर परवेज ने इस बात का भी खुलासा किया है कि पूर्णिया को पीएफआई अपना हेडक्वार्टर(मुख्यालय) बनाना चाहती थी। वनभाग इलाके में इसके लिए तीन मंजिला बिल्डिंग भी खोज ली गई थी। जिसका किराया 40 हजार रुपया महीना था। यहां हेडक्वार्टर बनाने के पीछे दो मुख्य मकसद था। पहला मकसद यह था कि यहां से सीमांचल इलाके में अपना कब्जा जमाने में पीएफआई को आसानी होती। दूसरा मकसद यह था कि अगर कुछ गड़बड़ी हुई तो वहां से नेपाल या बांग्लादेश भागने में आसानी होती। 

इसतरह से एक फुलप्रूफ प्लान के तहत सबकुछ चल रहा था। दरअसल, पटना पुलिस ने अतहर परवेज और अरमान मलिक को 48 घंटे की रिमांड पर 16 जुलाई को लिया था। रिमांड की मियाद पूरी होने पर 18 जुलाई की शाम दोनों को जेल भेज दिया गया था।

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