नवादा में जहरीली शराब पीने से अबतक 14 की मौत, 12 से अधिक अस्पताल में भर्ती, प्रशासन कर रहा है इंकार 

By एस पी सिन्हा | Updated: April 2, 2021 15:11 IST2021-04-02T15:11:01+5:302021-04-02T15:11:58+5:30

पटना, नालंदा और नवादा के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जिला प्रशासन जहरीली शराब से मौत या लोगों के बीमार होने की पुष्टि नहीं कर रहा है।

bihar Nawada drinking poisonous liquor Till now 14 died more than 12 hospitalized administration is refusing | नवादा में जहरीली शराब पीने से अबतक 14 की मौत, 12 से अधिक अस्पताल में भर्ती, प्रशासन कर रहा है इंकार 

जहरीली शराब से अबतक दो की आंखों की रोशनी जा चुकी है।

Highlightsपीड़ितों के स्वजन मौतों का कारण जहरीली शराब ही बता रहे हैं।सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। लगातार हो रही मौत के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए हैं।

पटनाः बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

नवादा में लगातार जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है और आज चौथे दिन भी 2 लोग की मृत्यु हो गई है। इसके साथ ही अब मृतकों की संख्या अब 14 तक पहुंच गई है। साथ ही अन्य 12 से अधिक लोगों का इलाज अस्पताल में जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नवादा जहरीली शराब पीने से गंभीर रूप से बीमार दो लोगों की मौत आज सुबह हो गई।

इनमें से एक का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं लगातार हो रही मौत के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी मौत शराब पीने से हुई है, लेकिन पुलिस इसे छुपाने के लिए डायरिया से मौत बता रही है, जबकि जिनकी भी मौत हुई है उन्होंने देशी शराब पी थी और वह जहरीली थी। जहरीली शराब से अबतक दो की आंखों की रोशनी जा चुकी है।

इससे पहले गुरुवार को तीन और लोगों ने गुरुवार को दम तोड़ा था। वहीं अब भी 12 से अधिक पीड़ितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। वहीं इस मामले में किरकिरी से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन जहरीली शराब के पीने से हुई मौतें नहीं मान रहा है। उधर कई मृतकों के परिजन पुलिस और प्रशासन के डर से घर छोड़कर भाग गए हैं। यही नहीं, अधिकारियों के पहुंचने से पूर्व परिजनों ने सभी मृतकों के शवों का दाह संस्कार कर दिया. घटना में मारे गए दिनेश सिंह की पत्नी प्रियंका देवी ने बताया कि उनके पति बीमार नहीं थे,  बाहर से पॉलिथीन वाली शराब पीकर आए थे और घर में उनकी मौत हो गई।

वहीं, गोपाल कुमार के भाई चुनचुन कुमार ने बताया कि उसका भाई बाहर से शराब पीकर आया था। तबीयत बिगड़ने पर उसे डॉक्टर के पास लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। ग्रामीण लगातार नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसी कैसी शराबबंदी है, जिसमें लोगों को आसानी से शराब मिल रही है और लोग इसे पी कर मौत के मुंह में जा रहे हैं।

सरकार इसकी जांच करे और डायरिया से मौत कहकर अपनी नाकमयाबी छुपानी बंद करे। इसबीच, बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौतों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए ट्वीट कर सवाल किया है कि क्या अभी भी आपको लगता है बिहार में शराबबंदी है?

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि 'माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, क्या आप जानते है जहरीली शराब से कल बिहार में 14 व्यक्तियों की मौत हो गई? क्या आप 14 लोगों की हत्या के दोषियों को बचाने के अलावा उनके लिए शोक संवेदना भी व्यक्त नहीं करेंगे? क्या अभी भी आपको लगता है बिहार में शराबबंदी है? जवाब अपेक्षित है।'

उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब मिलने के मामले को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोलते रहते हैं। एक बार फिर बिहार में शराबबंदी के बाद भी जहरीली शराब से हुए मौतों को लेकर उन्होंने नीतीश सरकार से जवाब मांगा है।

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