8 साल में 15 महिलाओं से शादी! खुद को डॉक्टर...इंजीनियर बताकर लड़कियों को फंसाता था जाल में, खराब अंग्रेजी ने खोल दी पोल
By विनीत कुमार | Updated: July 10, 2023 14:35 IST2023-07-10T14:27:24+5:302023-07-10T14:35:27+5:30
बेंगलुरु के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। इस शख्स पर आरोप है कि उसने पिछले करीब 8 साल में कई लड़कियों को धोखे में रखकर उनसे शादी की और उनके गहने, पैसे लेकर भाग गया।

8 साल में 15 महिलाओं से शादी! खुद को डॉक्टर...इंजीनियर बताकर लड़कियों को फंसाता था जाल में, खराब अंग्रेजी ने खोल दी पोल
बेंगलुरु: कर्नाटक में पुलिस ने 15 से अधिक महिलाओं को शादी के बहाने ठगने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। शख्स पिछले कई सालों से ये काम कर रहा था। हालांकि, खराब अंग्रेजी के कारण उसकी पोल खुल गई और कई अन्य महिलाएं उसके झांसे में आने से बच गईं।
बेंगलुरु के बनशंकरी के रहने वाले महेश केबी नायक को रविवार को मैसूर पुलिस ने गिरफ्तार किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 35 वर्षीय नायक ने 2014 से अब तक कम से कम 15 महिलाओं से शादी की और उनके नकदी पैसे और आभूषण लेकर भाग जाता था।
महेश को मैसूर की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया गया। इस महिला ने संदिग्ध से इस साल की शुरुआत में शादी की थी। एक अन्य महिला ने भी झूठे तथ्य पेश करके व्यक्ति द्वारा धोखा दिये जाने की शिकायत करते हुए पुलिस से संपर्क किया था।
इसके बाद पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए एक टीम बनाई और उसे तुमकुरु से पकड़ा।
ऑनलाइन मैरिज साइट पर बनाई थी नकली प्रोफाइल
महेश ने महिलाओं को लुभाने के लिए एक ऑनलाइन साइट पर एक नकली प्रोफाइल बनाई थी और अक्सर खुद को इंजीनियर या डॉक्टर के रूप में पेश किया करता था।
महेश ने खुद को एक डॉक्टर के रूप में पेश करने के लिए तुमकुरु में एक नकली क्लिनिक भी बना रखा था और एक नर्स को भी काम पर रखा था।
कई महिलाएं उसके जाल में फंस गईं थी, वहीं कई को उसके खराब अंग्रेजी बोलने के कारण कुछ गड़बड़ का संदेह हुआ। जब कुछ महिलाओं ने महेश को अंग्रेजी बोलते हुए सुना तो उन्होंने उसके विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि उन्हें शक हो जाता था।
पुलिस के मुताबिक, महेश ने 15 महिलाओं से शादी की और उनसे उनके चार बच्चे भी हैं। वह अपनी पत्नियों से बहुत कम मिलता था और जिन महिलाओं से उसने विवाह किया था उनमें से अधिकांश पढ़ी-लिखी और कामकाजी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर पीड़ितों को ठगे जाने का एहसास हो गया था लेकिन शर्मिंदगी के डर से उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की।