तस्करों ने सोने को एसयूवी में ऐसे छुपाया था कि बॉडी को काटकर निकालना पड़ा, बंगाल पुलिस ने बरामद किया 23 किलो सोना, कीमत है 11.66 करोड़ रुपये
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 2, 2022 07:02 PM2022-10-02T19:02:04+5:302022-10-02T19:05:52+5:30
बंगाल पुलिस ने डीआरआई की मदद से जलपाईगुड़ी में करीब 23 किलो तस्करी का सोना पकड़ा है। पकड़े गये सोने की कीमत बाजार में 11.66 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
सिलीगुड़ी: राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई ) और बंगाल पुलिस ने एक संयुक्त कार्रवाई में करीब 23 किलो तस्करी का सोना पकड़ा है। पकड़े गये सोने की कीमत बाजार में 11.66 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस संबंध में डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी बंगाल की क्षेत्रीय यूनिट ने बंगाल पुलिस के सहयोग के इस सोने को जलपाईगुड़ी के मालबाजार के पास जब्त किया है।
जानकारी के मुताबित इतनी बड़ी मात्रा में सोने की खेप को भारत-म्यांमार सीमा के जरिये तस्करी के माध्यम से भारत में लाया जा रहा था। समाचार वेबसाइट द टेलीग्राफ के मुताबिक तस्करों का प्रयास था कि वो इस 11.66 करोड़ रुपये मूल्य के सोने को सुरक्षित पुलिस की नजरों से बचाते हुए कलकत्ता पहुंचा दें।
इसके लिए तस्करों ने 23 किलो सोने को दो एसयूवी में बेहद चालाकी से छुपाया था लेकिन डीआरआई को मिली सटीक जानकारी के आधार पर तस्करों का मंसूबा धरा का धरा रह गया। लेकिन तस्करों के चंगुल से सोने को हासिल करना आसान नहीं था क्योंकि तस्करों ने दोनों एसवीयू में एक गुप्त कैविटी बनाकर उसमें सोने को छुपाया हुआ था लेकिन चूंकि मुखबिरी इतनी सटीक थी कि वो पुलिस के हत्थे लग गये।
बताया जा रहा है कि पुलिस को कार से सोना बरामद करने के लिए कार को कंपनी की वर्कशॉप में भेजना पड़ा, जहां कार विशेषज्ञों ने सोने को कार की बॉडी काटकर निकाली। मामले में सिलीगुड़ी पुलिस ने बताया कि उन्होंने बेहद गुप्त सूचना के आधार पर एसयूवी को बीते बुधवार को मालबाजार के पास इंटरसेप्ट किया था लेकिन उसमें से सोने की बरादमगी शुक्रवार की रात में हुई।
पुलिस ने सोना तस्करी के मामले में मिजोरम के रहने वाले चार तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दोनों एसयूवी के चालक भी शामिल हैं। पुलिस ने गिरफ्तार सभी आरोपियों को कोर्ट में शनिवार को पेश किया। जहां से कोर्ट ने पुलिस की अपील पर सभी आरोपियों को 14 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
कोर्ट में डीआरआई की ओर से पैरवी कर रहे वकील रतन बानिक ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने सोने को इस तरह से छुपाकर रखा था कि उसे वर्कशॉप ले जाना पड़ा, जिसके बाद दोनों कार से सोने की 21 बिस्कुट पाये गये। तस्करों ने दोनों एसयूवी में इन सोने के बिस्कुट को पीछे के पहियों के पास चेसिस के पिछले हिस्से में छुपाया था।