Bareilly: 2008 में निरंजन लाल, भगवान दास, रामेश्वर दयाल, पप्पू, बादल और कुंवर सेन ने युवती से सामूहिक दुष्कर्म कर की हत्या?, 17 साल बाद न्याय, सभी दोषी को उम्रकैद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 7, 2025 14:33 IST2025-02-07T14:32:43+5:302025-02-07T14:33:37+5:30
Bareilly: रंजिश को लेकर पांच नवंबर 2008 को निरंजन लाल, भगवान दास और उनके साथी रामेश्वर दयाल, पप्पू, बादल और कुंवर सेन ने पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी। पाठक ने बताया कि अगले दिन युवती का शव अर्द्धनग्न अवस्था में निरंजन लाल के खेत में पाया गया।

सांकेतिक फोटो
Bareilly: बरेली की एक अदालत ने एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के मामले में छह लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) स्वतन्त्र कुमार पाठक ने बताया कि 2001 में क्योलड़िया थाना क्षेत्र के एक गांव में निरंजन लाल और भगवान दास के खिलाफ एक किशोरी से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया था और इस मामले में दोनों जेल भी गए थे। उन्होंने बताया कि इसी मुकदमे की रंजिश को लेकर पांच नवंबर 2008 को निरंजन लाल, भगवान दास और उनके साथी रामेश्वर दयाल, पप्पू, बादल और कुंवर सेन ने पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी। पाठक ने बताया कि अगले दिन युवती का शव अर्द्धनग्न अवस्था में निरंजन लाल के खेत में पाया गया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में आठ नवंबर 2008 को सभी छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एडीजीसी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत) राकेश त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बृहस्पतिवार को सभी आरोपियों निरंजन लाल, भगवान दास और उनके साथियों रामेश्वर दयाल, पप्पू, बादल और कुंवर सेन को दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी करार देते हुए उम्र कैद और 65-65 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
पत्नी को जलाकर मारने के दोषी को आजीवन कारावास
बिजनौर की एक स्थानीय अदालत ने अपनी पत्नी को जलाकर मार डालने के आरोपी एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, उत्तराखंड के जसपुर की रहने वाली 33 वर्षीय मंजू की शादी बिजनौर जिले के धामपुर के मोहल्ला जोशियान निवासी सचिन से साल 2012 में हुई थी।
उसे उसके पति, सास कविता और ससुर आदेश द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किया जाता था। सचिन कथित तौर पर नशे का आदी था। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि तीन अप्रैल 2022 को सचिन ने अपनी मां, पिता और चचेरे भाई अभिषेक के साथ मिलकर उस पर डीजल डाला और उसे आग लगा दी।
उन्होंने बताया कि इस घटना में गंभीर रूप से झुलसी मंजू की 22 जुलाई 2022 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया गया है। अभियोजन पक्ष के वकील वरुण राजपूत ने बताया कि मामले की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश अनुपम सिंह ने बुधवार को सचिन को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि, अदालत ने सुबूतों के अभाव में उसकी मां, पिता और चचेरे भाई को बरी कर दिया।