ऑटो रिक्शा चालक का आरोप- 'पुलिस ने पेशाब पीने के लिए मजबूर किया, पैर भी तोड़ा', जानें मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 30, 2024 16:28 IST2024-06-30T16:27:07+5:302024-06-30T16:28:47+5:30
ग्वालियर में एक ऑटो रिक्शा चालक ने पड़ाव पुलिस स्टेशन और लियर क्राइम ब्रांच पर हाल ही में आभूषण चोरी के एक मामले की जांच के दौरान उसे प्रताड़ित करने और पेशाब पीने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
भोपाल: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ग्वालियर में एक ऑटो रिक्शा चालक ने पड़ाव पुलिस स्टेशन और लियर क्राइम ब्रांच पर हाल ही में आभूषण चोरी के एक मामले की जांच के दौरान उसे प्रताड़ित करने और पेशाब पीने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
यह घटना 17 जून को हुई थी। मामला सर्राफा व्यापारी की कार से 15 लाख रुपये के गहने चोरी होने से जुड़ा है। पुलिस ने कथित तौर पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दीपक शिवहरे को हिरासत में लिया और उसी को अपराधी माना। सीसीटीवी फुटेज में दीपक का ऑटो घटनास्थल के पास दिखा था। शिवहरे का आरोप है कि कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने के बावजूद पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। उसके अनुसार
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार दीपक ने आरोप लगाया है कि पूछताछ के लिए हिरासत के दौरान पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा और उसे पेशाब पीने को मजबूर किया। इतना ही नहीं पुलिस ने उसका पैर भी तोड़ दिया।
मामले के सामने आने के बाद ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि हालांकि कुछ सबूत शिवहरे को चोरी से जोड़ते हैं। हालांकि पुलिस के पास कुछ पुख्ता सबूत नहीं हैं। एक्स-रे रिपोर्ट में कथित तौर पर शिवहरे के पैर में फ्रैक्चर दिखाया गया है।
पुलिस ने शिवहरे और अन्य ऑटो चालकों के खिलाफ धारा 151 (शांति भंग) के तहत मामला दर्ज करने के बाद उन्हें छोड़ दिया है। एएसपी अखिलेश रेनवाल चोरी और कथित पुलिस बर्बरता दोनों की जांच कर रहे हैं।