राजस्थान के अलवर जिले के थानागाजी में हुए दलित महिला के साथ गैंगरेप मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी 4 आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने के लिए 14 दलों का गठन किया गया है। सूबे की अशोक गहलोत सरकार ने इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए अलवर पुलिस अधीक्षक को हटा दिया। वहीं, वहीं, इस कार्रवाई में देरी करने पर थानागाजी के थानाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा एक एसआईआई और तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
राजस्थान पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि मामला दर्ज होते ही पीड़िता के बयान, मेडिकल परीक्षण करवाया गया। इस घृणित दुष्कर्म में लिप्त अपराधियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता पाई जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गर्ग ने बताया कि 2 मई को थानागाजी में गैंगरेप का मामला दर्ज करवाया गया था। पीड़िता का आरोप है कि पति के साथ बाइक से जा रही थी। इस दौरान 5 लोगों ने उसके साथ सामुहिक दुष्कर्म किया। पुलिस द्वारा 5 आरोपियों में से एक आरोपी इंद्राज गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी इंद्राज ट्रक ड्राइवर है व प्रागपुर गांव का निवासी है।
बता दें कि पीड़िता के साथ 26 अप्रैल को उसके पति के सामने पांच युवकों ने बारी-बारी से बलात्कार किया। इस संबंध में पीड़िता ने थाने में पांच आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। बताया गया था कि महिला अपने पति के साथ ससुराल जा रही थी। इस बीच दपंति को कुछ लोगों ने रोक लिया और डरा धमकार रेत के टीलों के पीछे ले गए, जहां उन्होंने पति के सामने बारी-बारी से रेप किया। साथ ही साथ उन्होंने अश्लील वीडियो और तस्वीर कैप्चर की, जिन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। बताया गया कि यह घिनौना काम करने वाले आरोपी दबंग परिवार से आते हैं और उनका राजनीतिक प्रभाव भी है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी अधिनियम की धारा 147, 149, 323, 341, 354B, 376 (D) और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।