झारखंड के दो जिलों में जबरन बीफ खिलाने का आरोप, प्राथमिकी दर्ज, विरोध में सड़कों पर उतरी भाजपा
By एस पी सिन्हा | Published: January 3, 2023 07:47 PM2023-01-03T19:47:53+5:302023-01-03T19:50:44+5:30
पहली घटना झारखंड के हजारीबाग जिले के बरही प्रखंड अंतर्गत बरियठ बिरहोर टोला की है, जबकि दूसरी घटना साहिबगंज जिले के राधानगर थाना अंतर्गत तालबन्ना गांव की बताई जा रही है।
रांची: झारखंड के हजारीबाग और साहिबगंज जिले में जबरन बीफ खिलाने की दो घटनाओं के सामने आने के बाद बवाल मच गया है। इन दो घटनाओं में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। पहली घटना झारखंड के हजारीबाग जिले के बरही प्रखंड अंतर्गत बरियठ बिरहोर टोला की है, जबकि दूसरी घटना साहिबगंज जिले के राधानगर थाना अंतर्गत तालबन्ना गांव की बताई जा रही है।
हजारीबाग जिले में आदिम जनजाति समुदाय के मनोज बिरहोर ने बरही थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा है किे बीते 30 दिसंबर को दुलमाहा गांव के रहने वाले खलील मियां एक अन्य व्यक्ति के साथ गांव आए और कहा कि आज रात सभी लोगों के खाने-पीने का इंतजाम मेरी तरफ से रहेगा। उसने बिरहोर टोला के दर्जनों लोगों को पहले शराब पिलाई और इसके बाद उन्हें भोजन में मांस के बड़े टुकड़े परोसे गए। संदेह होने पर उन लोगों ने विरोध किया तो उसने धारदार हथियार दिखाकर उन्हें मांस खाने को मजबूर किया।
मनोज बिरहोर ने घटना के तीसरे दिन थाना पहुंचकर आवेदन दिया तो पुलिस ने गांव पहुंचकर इसकी जांच की। इस दौरान राजेश बिरहोर के घर से बीफ के अवशेष बरामद किए गए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी खलील मियां को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दूसरी घटना साहिबगंज जिले के राधानगर थाना अंतर्गत तालबन्ना गांव के चंदन रविदास युवक ने थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा किे मिठुन शेख, नसीम शेख, फिरोज शेख सहित पांच लोगों ने बीते 31 दिसंबर को उसे जबरन बीफ खिलाया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई और उसका हाथ तोड़ दिया गया।
पुलिस ने कहा कि, इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है। इधर, भाजपा और हिंदू संगठनों के नेताओं ने इन घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि एक सोची-समझी साजिश के तहत इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने वाले मुख्यमंत्री जी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्या? ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों ने भी इन मामलों में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।