अहमदाबादः गर्भवती बहन और उसके पति की सरेआम चाकू मार कर हत्या, आरोपी भाई को मौत की सजा, कोर्ट ने कहा-मामला ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ श्रेणी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 17, 2022 08:34 IST2022-03-17T08:33:46+5:302022-03-17T08:34:58+5:30
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे ए ठक्कर की अदालत ने मंगलवार को कहा कि यह मामला ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ श्रेणी में आता है, और दोषी विवाहित जोड़े और उनके अजन्मे बच्चे की तिहरी हत्या के लिए अधिकतम मौत की सजा का हकदार है।

धारा 302 (हत्या) और 316 (अजन्मे बच्चे की मौत का करण बनना) के तहत दोषी ठहराया गया था।
अहमदाबादः गुजरात के अहमदाबाद जिले में झूठी शान के लिए हत्या के एक मामले में यहां की एक अदालत ने अपनी गर्भवती बहन और उसके पति की हत्या करने के दोषी पाए गए एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे ए ठक्कर की अदालत ने मंगलवार को कहा कि यह मामला ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ श्रेणी में आता है, और दोषी विवाहित जोड़े और उनके अजन्मे बच्चे की तिहरी हत्या के लिए अधिकतम मौत की सजा का हकदार है। दरअसल, सितंबर 2018 में हार्दिक चावड़ा ने अपनी गर्भवती बहन तरुणबेन (21) और उसके पति विशाल परमार (22) की सरेआम चाकू मार कर हत्या कर दी थी।
हार्दिक ने दोनों पर चाकू से कई बार वार किए थे। तरुणबेन ने अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ विशाल से शादी की थी, जिसके कारण उसके परिवार के सदस्य उससे बेहद नाराज थे। अदालत ने कहा कि दोषी को मौत की सजा देने में किसी भी तरह की ढील देने से उस मानसिकता को बढ़ावा मिलेगा जो लोगों को झूठी शान के लिए हत्या को अंजाम देने के लिए प्रेरित करती है।
अदालत ने आगे कहा कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि ऐसा करना समाज में महिलाओं के साथ अन्याय होगा। महिलाओं को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है। चावड़ा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 316 (अजन्मे बच्चे की मौत का करण बनना) के तहत दोषी ठहराया गया था।
26 सितंबर, 2018 को साणंद पुलिस थाने में मृतक विशाल के भाई ललित परमार द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर हार्दिक को गिरफ्तार किया गया था। प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने कहा था कि तरुणबेन ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। उसके परिवार वाले इस शादी से खुश नहीं थे।