पटनाः बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में सामने आये टेरर मॉड्यूल को लेकर बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. पिछले दिनों केंद्र सरकार के द्वारा सेना बहाली को लेकर अग्निपथ योजना किये जाने के बाद मचे बवाल में भी पीएफआई के लोगों के बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की बात सामने आ रही है.
सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसियों के पास यह इनपुट मिला है कि अग्निपथ योजना के दौरान हिंसक आंदोलन के पीछे इन संगठनों का हाथ हो सकता है? सूत्रों के अनुसार पीएफआई जैसे संगठनों की भूमिका अग्निपथ आंदोलन को हिंसक रूप देने में हो सकती है. अब केंद्रीय एजेंसियां इसे लेकर छानबीन में जुटी हुई है.
पीएफआई नेटवर्क से जुडे़ ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप को खंगाला जा रहा है, जिस व्हाट्सएप ग्रुप में अग्निपथ आंदोलन के समर्थन और सरकार के विरोध में कंटेंट शेयर किया गया. बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ जमकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान बिहार में कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया था.
तब सबको इस मामले में बहुत आश्चर्य भी हुआ था कि आखिर युवाओं का यह आंदोलन इतना उग्र कैसे हो गया? इस टेरर मॉड्यूल ने बेहद शातिर आना तरीके से केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन को बैकअप देने की रणनीति बना रखी थी. जो मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बने. अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के मन में जो आक्रोश था उसका फायदा भी इस संगठन ने उठाया. इस बात की आशंका जताई जा रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टैलेंट सर्च के नाम पर फंडिग होती है. उल्लेखनीय है कि फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के तहत काम करने वाले संगठन और आतंकी कनेक्शन वाले लोगों को कमीशन भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का था. इसके लिए बाजार तक खुरासान डायरी क्रिएट की गई थी. खुरासान मॉड्यूल पर काम करते हुए पीएफआई जैसे संगठन से जुडे लोगों ने बिहार में फुलवारी शरीफ से मॉड्यूल को क्रिएट कर दिया.