'विकास दुबे ना पहुंचे कानपुर...', क्या पहले से ही था एनकाउंटर का प्लान, पुलिस अफसर का वीडियो आया सामने!
By पल्लवी कुमारी | Updated: July 10, 2020 13:41 IST2020-07-10T13:37:13+5:302020-07-10T13:41:08+5:30
Vikas Dubey News: कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) का मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर (vikas Dubey Encounter) में मारे जाने के बाद से विपक्ष के कई नेताओं ने इस फेक एनकाउंटर करार दिया है। सोशल मीडिया पर भी फेक एनकाउंटर ट्रेंड कर रहा है।

कानपुर शूटआउट (Kanpur Encounter): हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को उज्जैन पुलिस ले जाते हुए (फोटो- PTI)
नई दिल्ली:कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर (vikas Dubey Encounter) में शुक्रवार (10 जुलाई) सुबह मारा गया। विकास दुबे के मारे जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर फेक एनकाउंटर ट्रेंड कर रहा है। विकास दुबे के एनकाउंटर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीम मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित कई विपक्ष के नेता ने सवाल उठाए हैं। कई लोगों ने इस बात की आशंका जताई है कि विकास दुबे को मारने (vikas dubey killed) की पुलिस ने पहले से ही योजान बना ली थी। इसी बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन के पुलिस अफसर का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह अफसर कह रहा है 'I hope Vikas Dubey doesn't reach there (kanpur)। मतलब ''उम्मीद है विकास दुबे कानपुर ना पहुंच पाए।''
इस ऑडियो-वीडियो को अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ ने ट्वीट किया है। चैनल ने दावा किया है कि इस वीडियो में जिस शख्स को खाकी वर्दी पहने देखा जा रहा है वह उज्जैन का पुलिस अधिकारी है। वीडियो में एक पुलिस अफसर दूसरे पुलिस वाले से कहता सुनाई दे रहा है, ''उम्मीद है विकास दुबे कानपुर ना पहुंचे।'' चैनल के वीडियो रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिखने वाला पुलिस अधिकारी उज्जैन के एडिशनल एसपी हैं।
#Breaking | Sensational unverified audio surfaces, 'I hope Vikas Dubey doesn't reach there'. Viral audio clip sparks a controversy.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 10, 2020
TIMES NOW's Govind & Bhavatosh with details. pic.twitter.com/oZcKSbh57E
वीडियो में एक पुलिस वाला पूछता है, विकास दुबे कानपुर पहुंचेगा ना? इसपर जवाब देते हुए दुसरे अधिकारी ने कहा- उम्मीद है कि वह ना पहुंचे। हालांकि लोकमत न्यूज हिंदी इस वीडियो की पुष्टी नहीं करता है।
कानपुर पुलिस ने बताया क्यों और कैसे हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया, तेज बारिश हो रही थी। पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गयी और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये। उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया। तभी पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की और उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा। हमारे जवान उसे अस्पताल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानें कानपुर मुठभेड़ के दौरान क्या हुआ था?
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। जिसमें प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।
