आरुषि मर्डर केसः हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई
By स्वाति सिंह | Published: March 8, 2018 10:31 PM2018-03-08T22:31:44+5:302018-03-08T22:41:03+5:30
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में तलवार दंपति की रिहाई को लेकर चुनौती दी है। 12 अक्टूबर 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राजेश तलवार और नुपुर तलवार को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दे दिया था।
नई दिल्ली, 8 मार्च: बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस मामले में तलवार दंपत्ति को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बरी किए जाने के बाद सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में तलवार दंपति की रिहाई को लेकर चुनौती दी है। 12 अक्टूबर 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राजेश तलवार और नुपुर तलवार को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दे दिया था।
CBI moves Supreme Court challenging Talwars' acquittal in Aarushi Talwar murder case. pic.twitter.com/E2vpq8X9vV
— ANI (@ANI) March 8, 2018
16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार में रहने वाली 14 साल की आरुषि की हत्या हुई थी। शुरूआती जांच में पुलिस को घर के नौकर हेमराज पर शक हुआ लेकिन फिर दो दिन बाद घर के छत पर हेमराज का शव मिला। यह मामला शुरुआत से लेकर अब तक एक मिस्ट्री ही रहा है और आज भी यह साबित नहीं हो पाया है कि हत्यारा कौन है? अब सीबीआई मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सीबीआई ने अपनी अपील में कहा है कि निचली अदालत का फैसला सही था और हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को उलटकर तलवार दंपत्ति को बरी कर दिया है जो सही नहीं है।
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में तलवार दंपती पर संदेह जताया है। पहले यह मामला स्पेशल कोर्ट ने पेश हुआ। इसके बाद 25 नवंबर को राजेश और नुपूर तलवार को उनकी बेटी आरुषी की हत्या का दोषी पाया गया और सीबीआई अदालत ने राजेश और नुपूर तलवार दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा के बाद 21 जनवरी 2014 तलवारदंपत्ति ने सीबीआई अदालत के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फिर 12 अक्टूबर, 2017 को इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने तलवार दंपत्ति को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया।