यूपी की जेलों में बंद 10 खूंखार अपराधियों पर 24 घंटे रखी जाएगी नजर, राज्य की 74 जेलों में बंद 1.14 लाख कैदी, इनमें 30,000 से अधिक सजायाफ्ता
By राजेंद्र कुमार | Updated: February 20, 2023 19:41 IST2023-02-20T19:41:24+5:302023-02-20T19:41:24+5:30
उत्तर प्रदेश में सभी कैदियों की जेल मुख्यालय से 24 घंटे निगरानी की जाएगी। सरकार का मानना है कि खूंखार कैदियों पर 24 घंटे नजर रखने की व्यवस्था से जेलों में कैदियों के मनमानी करने पर अंकुश लगेगा।

यूपी की जेलों में बंद 10 खूंखार अपराधियों पर 24 घंटे रखी जाएगी नजर, राज्य की 74 जेलों में बंद 1.14 लाख कैदी, इनमें 30,000 से अधिक सजायाफ्ता
लखनऊ: तमाम सावधानी बरते जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद खूंखार अपराधी और नेता अपनी मनमानी कर रहे हैं। बीते दिनों माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी निकहत की जेल में मुलाकात का ऐसा ही एक मामला सामने आया।
इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों की सुरक्षा प्रबंधों की खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही यूपी की सभी जेलों में बंद दस खूंखार कैदियों की सूची तलब कर उन कैदियों पर 24 घंटे नजर रखने की व्यवस्था की गई है। अब इन सभी कैदियों की इन सभी की जेल मुख्यालय से 24 घंटे निगरानी की जाएगी। सरकार का मानना है कि खूंखार कैदियों पर 24 घंटे नजर रखने की व्यवस्था से जेलों में कैदियों के मनमानी करने पर अंकुश लगेगा।
राजी के प्रमुख सचिव (कारागार) राजेश प्रताप सिंह के अनुसार सभी जेल अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि जेलों में बंद टॉप टेन अपराधियों की सूची मुख्यालय को उपलब्ध करवाएं। इसके साथ ही जेलों में सीसीटीवी कैमरों से कैदियों की निगरानी करने की व्यवस्था को और मजबूत किया जाए, ताकि मुख्यालय स्तर पर निगरानी तंत्र को बेहतर बनाया जा सके।
प्रदेश की 30 जेलों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और पहले से मौजूद कैमरों को अपग्रेड करने का कार्य शुरू हो चुका है। इसके लिए सरकार के स्तर से बजट काफी पहले ही जारी किया जा चुका है। सीसीटीवी कैमरों से कैदियों की निगरानी करने की योजना के तहत राज्य में सभी 74 जेलों में बंद करीब 1.14 लाख से अधिक कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
इनमें 30,000 से अधिक सजायाफ्ता है और 12,000 कैदी आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि राज्य की जेलों में करीब 70,000 कैदियों को रखने की क्षमता है, जबकि इससे दूने कैदी जेलों में बंद है। इन सब पर नजर रखपाने में तमाम तरह की दिक्कतों का सामना जेल प्रशासन को करना पड़ रहा था। इसके साथ ही खूंखार कैदी जेल प्रशासन के कर्मियों को धमकी देकर अपने लोगों से मिलते थे।
चित्रकूट की जेल में बंद अब्बास अंसारी भी इस तरह का दबाव बनाकर जेल में अपनी पत्नी से मिलते थे। चित्रकूट जेल में निकहत की अब्बास से मुलाकात के मामले में दोषी पाए गए अफसरों ने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं, इसलिए उन्होंने दबाव और डर के चलते मुलाकातें करवाई थीं।
इस मामले के उजागर होने के बाद ही सीएम योगी की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि जेल अधिकारियों, कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की समस्या हो, उन पर दबाव बनाया जा रहा हो या धमकी दी गई हो, तो इसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को उपलब्ध करवाएं। घटना होने के बाद इस प्रकार की बातों का संज्ञान नहीं लिया जाएगा और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इसके अलावा हर जेल में बंद टाप टेन खूंखार अपराधियों की सूची तैयार कर उन पर 24 घंटे सीसीटीवी के जरिए नजर रखी जाए। ताकि वह जेल नियमों की अनदेखी करने की हिम्मत ना करें। सरकार के इस निर्देश के तहत अब जेल में बंद मुख्तार अंसारी, अब्बास अंसारी, सुंदर भाटी, खान मुबारक, सुभाष ठाकुर, संजीव जीवा माहेश्वरी, बबलू श्रीवास्तव, विजय मिश्रा, अतीफ रजा और योगेश भदौड़ा जैसे शातिर ईनामी अपराधियों पर नजर रखी जाएगी।