साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीज केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में बॉल टैम्परिंग की घटना ने क्रिकेट जगत को शर्मसार कर दिया है। इसके साथ ही उन सभी घटनाओं को याद किया जाने लगा है, जब बॉल टैम्परिंग के कारण क्रिकेट जगत को शर्मसार होना पड़ा। क्रिकेट ग्राउंड पर खिलाड़ी टैम्परिंग के लिए अलग-अलग तरीके का इस्तेमाल करते हैं और कई दिग्गज प्लेयर्स पर आरोप लग चुके हैं। हम आपको बता रहे हैं क्रिकेट जगत की उन घटनाओं के बारे में जब बॉल टैम्पिरिंग ने क्रिकेट को बदनाम किया।
बॉल टैम्परिंग में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्मिथ शामिल
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट के तीसरे दिन शनिवार को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बैनक्रॉफ्ट लंच के बाद के सत्र में पैंट की पॉकेट से पीले रंग का टेप गेंद पर रगड़ते हुए कैमरे में पकड़े गए। गेंद को रगड़ने के बाद पहले उन्होंने उस टेप को पॉकेट में छिपाया और फिर बार-बार स्क्रिन पर चले रिप्ले के बाद चुपके से उसे पैंट के अंदर छिपाने की कोशिश की। बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैनक्रॉफ्ट ने अपनी गलती स्वीकार की। साथ स्मिथ ने भी माना कि टीम के कुछ खिलाड़ियों ने यह योजना बनाई थी और बतौर कप्तान वह भी इसमें शामिल थे। बॉल टैम्परिंग में फंसने स्टीव स्मिथ को आईसीसी ने एक टेस्ट मैच के लिए निलंबित किया है और मैच फीस का 100 फीसदी जुर्माना लगाया है। वहीं, टैम्परिंग करने वाले कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर आईसीसी ने मैच के फीस का 75 प्रतिशत जुर्माना लगाया है और तीन डिमेरिट प्वाइंट दिए हैं।
सचिन पर भी लग चुका है बॉल टैम्परिंग का आरोप
बॉल टैम्परिंग का वाक्या कोई नया नहीं है, यह पहले से खिलाड़ियों पर लगता रहा है। इनमें टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी सचिन तेदुलकर भी शामिल हैं। नवंबर 2001 में पोर्ट एलिजाबेथ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में सचिन के खिलाफ बॉल टैम्परिंग का आरोप लगा था। इसके बाद मैच रेफरी माइक डेनिस ने उन पर एक मैच का बैन लगाया था। हालांकि सचिन ने बॉल टैम्परिंग की बातों से इनकार किया था। सचिन ने कहा था कि उन्होंने बॉल की सीम को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की, वह तो केवल बॉल पर लगी घास को हटा रहे थे। बाद में आईसीसी ने तेंदुलकर को आरोपों से मुक्त कर दिया था।
बॉल को दांत से चबा गए थे शाहिद अफरीदी
क्रिकेट जगत में बॉल टैम्परिंग की घटनाओं में सबसे बड़ा मामला शाहिद अफरीदी का था, उन्होंने बॉल के एक हिस्से को दांत से काट लिया था। साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में शाहिद ने इस काम को अंजाम दिया था, इसके बाद उन्हें दो मैचों के लिए बैन कर दिया था। पाक टीम की कमन संभालते हुए शाहिद अफरीदी ने बॉल के एक तरफ के हिस्से को दांतों से चबाते हुए देखा गया था। शाहिद ने बाद में माफी मांगते हुए कहा था कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। ये बस हो गया। मैं मैच जीतने के लिए अपने बॉलरों की मदद करना चाहता था। दुनिया में कोई ऐसी टीम नहीं है जो बॉल टैंपरिंग नहीं करती हो। मेरे तरीके गलत थे। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था और इसके लिए मैं शर्मिंदा हूं। मैं बस गेम जीतना चाहता था लेकिन ऐसा करना वास्तव में गलत था।
बॉल टैम्परिंग की शिकार हुई टीम इंडिया
बॉल टैम्परिंग का सबसे चर्चित और विवादास्पद मामला 1976-77 में हुआ था, जो आज भी 'वैसलीन कांड' के नाम से जाना जाता है। भारत और इंग्लैंट के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में गेंदबाज जॉन लीवर बॉल टैम्परिंग की घटना को अंजाम दिया था। भारत दौरे पर इस गेंदबाज ने 26 विकेट लिए थे। लीवर अपने माथे पर एक पट्टी बांध कर गेंदबाजी किया करते थे और इसी पट्टी में वैसलीन रखते थे, जिसे लगाकर गेंद की चमक बनाए रखते थे और गेंद को ज्यादा स्विंग कराते थे। उस समय टीम इंडिया के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने लीवर पर इस तरह के आरोप लगाए थे। मामला बढ़ने के बाद लीवर जब दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गए तो उन पर तीन साल का प्रतिबंध लग गया।
फाफ डु प्लेसिस भी फंस चुके हैं बॉल टैम्परिंग के फेर में
नवंबर 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड टेस्ट में दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी फाफ डु प्लेसिस को बॉल टैम्परिंग करते देखा गया। उनके मुंह के मिंट के उपयोग से बॉल की कंडीशन को चेंज करते देखे गया था। उनको आईसीसी के सेक्शन 42(3) का दोषी पाया गया और पूरे मैच की फीस काट ली गई।
पाकिस्तानी खिलाड़ी वकार युनूस भी हो चुके हैं सस्पेंड
पाकिस्तानी खिलाड़ी वकार युनूस भी बॉल टैम्परिंग मामले में फंस चुके हैं और इसके कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। साल 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच में उनको बॉल की सीम के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया। उसके बाद मैच रेफरी जॉन रीड ने उनको श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच के लिए सस्पेंड कर दिया। वह त्रिकोणीय सीरीज थी।
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