World Cup 2023: पांचवे मैच में अय्यर को मिला भारतीय टीम का 'फील्डिंग मेडल', जानिए टीम इंडिया के इस नए चलन के बारे में

अब तक पांच खिलाड़ियों को यह मेडल दिया जा चुका है। खास बात यह है कि पिछले मैच का मेडल विनर ही उस दिन वाले मेडल विनर को यह तमगा सौंपता है।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: October 23, 2023 14:11 IST

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ठळक मुद्देवनडे विश्वकप में भारत का अजेय अभियान जारी हैवनडे विश्वकप में भारत की फील्डिंग भी गजब की रही है मैच के बाद सबसे शानदार फील्डिंग करने वाले खिलाड़ी को एक मेडल दिया जाता है

World Cup 2023: भारत में खेले जा रहे आईसीसी वनडे विश्वकप में भारत का अजेय अभियान जारी है। अब तक खेले गए सारे मुकाबलों में भारतीय टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी शानदार रही है। हालांकि इस बीच जिस एक चीज की कम चर्चा हुई है वह है फील्डिंग। वनडे विश्वकप में भारत की फील्डिंग भी गजब की रही है। इसका श्रेय जाता है  भारतीय टीम के फील्डिंग कोच टी दिलीप को।  टी दिलीप ने एक प्रथा शुरू की है। अब हर मैच के बाद सबसे शानदार फील्डिंग करने वाले खिलाड़ी को एक मेडल दिया जाता है। 

अब तक पांच खिलाड़ियों को यह मेडल दिया जा चुका है। खास बात यह है कि पिछले मैच का मेडल विनर ही उस दिन वाले मेडल विनर को यह तमगा सौंपता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह मेडल स्लिप में मिचेल मार्श का हैरतअंगेज कैच लेने के लिए विराट कोहली को मिला। अफगानिस्तान के खिलाफ दूसरे मैच में यह शार्दूल ठाकुर को दिया गया। तीसरे मुकाबले में यह विकेटकीपर केएल राहुल के नाम रहा। बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में प्वाइंट पर मुशफिकुर रहीम का बेहतरीन कैच लेने वाले जडेजा ने यह मेडल अपने नाम किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ यह मेडल श्रेयस अय्यर के नाम रहा। रवींद्र जडेजा ने अय्यर को यह मेडल सौंपा।

बता दें कि न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम के फील्डर्स ने तीन कैच छोड़े। ये इस विश्वकप में पहली बार हुआ। हालांकि इसके बाद भी भारतीय टीम न्यूजीलैंड को 273 रनों पर रोकने में सफल रही। भारतीय टीम ने 30 गज के घेरे के अंदर या सीमा रेखा पर, हर जगह शानदार फील्डिंग की है। सबसे अच्छी बात ये है कि इस टीम में एक भी खिलाड़ी ऐसा नहीं है जिसे कमजोर क्षेत्ररक्षक कहा जाए। 

मौजूदा विश्वकप में स्लिप फील्डिंग लाजवाब रही है। विराट कोहली, शुभमन गिल और रोहित ने स्लिप में क्षेत्ररक्षण का जिम्मा उठाया है। शुरुआती ओवरों में जडेजा प्वाइंट पर बल्लेबाजों के लिए रन लेना मुश्किल कर देते हैं। आखिरी ओवरो में कोहली, श्रेयस अय्यर, जडेजा और शुभमन सीमा रेखा पर फील्डिंग का जिम्मा उठाते हैं। इन खिलाड़ियों से पार पाना अब तक विपक्षी टीमों के लिए बेहद मुश्किल रहा है। 

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