क्यों 2018 विराट कोहली के करियर का सबसे बड़ा 'लिटमस टेस्ट' है

विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया को अगले 18 महीनों के दौरान दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाना है

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: December 29, 2017 11:10 IST

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इस साल जब टीम इंडिया ने अगस्त में श्रीलंका को उसी की धरती पर 3-0 से रौंदते हुए टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया तो हर तरफ कोहली की शानदार कप्तानी की तारीफ होने लगी। लेकिन विदेशी धरती पर सबसे सफल भारतीय कप्तान रहे सौरव गांगुली ने दो-टूक कहा, 'श्रीलंका की मौजूदा टीम इस लायक ही नहीं है कि वह भारत को टक्कर दे सके, ये सीरीज तो भारत को जीतनी ही थी। लेकिन कोहली की कप्तानी का असली टेस्ट होना अभी बाकी है।'

गांगुली का इशारा आने वाले महीनों में टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे की ओर था, जहां का प्रदर्शन तय करेगा कि क्या कोहली महानतम कप्तान बनने की ओर अग्रसर हैं और क्या ये टीम इंडिया वाकई अब तक की सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेट टीम है। शायद यही वजह है कि दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से ठीक पहले कोच रवि रवि शास्त्री से जब दक्षिण अफ्रीका दौरे की चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगले 18 महीने भारतीय क्रिकेट की दिशा और दशा तय करेंगे। शास्त्री का इशारा अगले डेढ़ सालों के दौरान होने वाले दीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के मुश्किल दौरों की तरफ है, जिसे कोहली की कप्तानी का सबसे बड़ा टेस्ट माना जा रहा है। 

2017 में कोहली ने बैटिंग और कप्तानी में लिखी कामयाबी की नई दास्तांसाल 2017 विराट कोहली के लिए बैटिंग और कप्तानी दोनों के लिहाज से बेहद खास रहा। टेस्ट, वनडे में से टीम इंडिया ने एक भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं गंवाई और कुल 53 इंटरनेशनल मैचों में से 37 में जीत हासिल की। कोहली वनडे में 26 मैचों में 1460 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे, टेस्ट में उन्होंने 1059 रन और टी20 में भी 299 रन बनाए। सबसे खास बात रही कि कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने पिछले डेढ़ सालों से जारी अपने जीत के क्रम को इस साल लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीत तक पहुंचाते हुए ऑस्ट्रेलिया के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की।

दक्षिण अफ्रीका की मुश्किल चुनौती कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया के साल की शुरुआत ही उस देश के दौर से होगी जहां पर उसने अब तक एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। दक्षिण अफ्रीका का दौरा टीम इंडिया के लिए कभी भी आसान नहीं रहा है। दक्षिण अफ्रीका में इन दोनों टीमों के बीच अब तक खेले गए 17 टेस्ट मैचों में से दक्षिण अफ्रीका ने 8 टेस्ट मैच जीते हैं, जबकि भारत ने 2 मैच जीते हैं जबकि 7 मैच ड्रॉ रहे हैं। 

भारतीय टीम ने अब तक दक्षिण अफ्रीका की धरती पर छह टेस्ट सीरीज खेले हैं और उनमें से पांच में उसे हार मिली है जबकि 2010 में धोनी की कप्तानी में एकमात्र बार वह सीरीज 1-1 से ड्रॉ करवाने में सफल रही थी। विराट कोहली ने इससे पहले सिर्फ एक बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया है। 2013 में वह धोनी की कप्तानी में 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में एक बल्लेबाज के तौर पर वहां गए और एक शतक जड़ा। हालांकि टीम को 1-0 से सीरीज गंवानी पड़ी।

पिछले डेढ़ सालों के दौरान कोहली की टीम इंडिया खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में अजेय रही है। लेकिन इस दौरान उन्होंने ज्यादातर मैच अपने घर में खेले हैं। अब उनके सामने अपने इस जीत के सिलसिले को विदेशी धरती पर भी बरकरार रखने की चुनौती होगी। अगर कोहली की टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका की धरती पर भी सीरीज जीत पाई तो निश्चित तौर पर वह सर्वश्रेष्ठ टीम की रेस की दावेदार बन जाएगी।

कोहली के करियर का सबसे बुरा दौर रहा इंग्लैंड का दौरा विराट कोहली के करियर का सबसे खराब दौर 2014-15 का इंग्लैंड दौरा है। इस दौरे पर हुए 5 टेस्ट मैचों की 10 पारियों में कोहली ने 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0, 7, 6 और 20 के स्कोर के साथ 13.20 की औसत से सिर्फ 134 रन ही बनाए। कोहली जैसे क्षमता वाले बल्लेबाज के लिए ये आंकड़ें निश्चित तौर पर बेहद निराशाजनक हैं। टीम इंडिया को अगस्त 2018 में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा करना है। इस दौरे पर टीम इंडिया को इंग्लैंड के अपने पिछले दो दौरों पर 2011 में 4-0 से और 2014 में 3-1 से करारी शिकस्त मिली थी। क्या कोहली की टीम इंडिया पिछले कई सालों से इंग्लैंड की धरती पर जारी जीत के सूखे को खत्म कर पाएगी? अगर ऐसा हुआ तो कोहली के साथ-साथ कोच शास्त्री की साख बढ़ना भी तय है।

अगले साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का मुश्किल दौराऑस्ट्रेलिया की धरती पर कोहली का बल्ला जमकर बोलता रहा है। कोहली ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अब तक 4 टेस्ट शतक जड़ चुके हैं और इनमें से तीन तो उन्होंने 2014-15 के चार टेस्ट सीरीज के दौरान जड़े थे, हालांकि टीम इंडिया को इस सीरीज में 2-0 से हार मिली थी। कोहली ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे से ही टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की कमान संभाली थी। इसी दौरे पर धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भी टीम इंडिया अब तक कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है। ऐसे में विराट कोहली की टीम इंडिया के लिए कंगारुओं को उनकी धरती पर मात देने पर बेहद मुश्किल चुनौती होगी।

गांगुली ने जब कहा था कि कोहली की कप्तानी का असली टेस्ट होना अभी बाकी है तो उनका इशारा इन्हीं तीन दौरों की तरफ था। तो अगला साल कोहली की कप्तानी ही नहीं करियर का भी सबसे बड़ा लिटमस टेस्ट होगा। ये देखना रोचक होगा कि कोहली अगले 18 महीनों में एक नया इतिहास लिखेंगे या उस इतिहास को भूल जाना चाहेंगे!

(Photo Design: Sandeep Dhayma)

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