सचिन के पिता के इस फैसले से बदली थी 'क्रिकेट के भगवान' की जिंदगी

24 अप्रैल 1973 में जन्मे सचिन के नाम टेस्ट और वनडे मिलाकर कुल 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड है।

By विनीत कुमार | Published: April 19, 2018 2:51 PM

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल: क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार और सचिन तेंदुलकर को इस मुकाम पर पहुंचाने में बड़ा हाथ उनके पिता प्रफेसर रमेश तेंदुलकर का भी रहा है। कई बार इसे लेकर बातें भी हुई हैं। हालांकि, अब सचिन पर आई एक नई किताब 'सचिन: थिंक एंड सक्सीड लाइक तेंदुलकर' से खुलासा हुआ है कि कैसे पिता रमेश तेंदुलकर के बेटे के स्कूल बदलने के फैसले ने सचिन की जिंदगी बदल दी।

यह किताब देवेंद्र प्रभुदेसाई ने लिखी है। किताब के अनुसार सचिन 11 साल के थे, जब उनके बड़े भाई उन्हें कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गए। सचिन का खेल देख आचरेकर ने बाद में पिता को सलाह दी कि वे अपने बेटे को शारदा आश्रम विद्या मंदिर भेजें। दरअसल, सचिन तब मुंबई के बांद्रा आईईएस स्कूल में पढ़ रहे थे और उस स्कूल में क्रिकेट टीम नहीं थी।

इसलिए, कोच आचरेकर ने स्कूल बदलने की सलाह दी। आचरेकर तब शारदा आश्रम स्कूल के भी क्रिकेट कोच थे। पिता ने ऐसा ही किया और इसके बाद सचिन बेहद तेजी से क्रिकेट की दुनिया में आगे बढ़ते चले गए।

स्कूल तक नहीं जाती थी बस

सचिन के घर से नए स्कूल तक सीधी बस नहीं जाती थी। स्कूल सुबह 7 बजे खुल जाता था इसलिए सचिन को काफी सुबह ही घर से निकलन पड़ता था। आमतौर पर इस स्कूल की टीम में 7वीं और 8वीं के बच्चों को चुना जाता था लेकिन सचिन ने केवल छठी कक्षा में ही स्कूल की टीम में जगह पक्की कर ली।

किताब में कहा गया है, 'प्रोफेसर तेंदुलकर आसान रास्ता ले सकते थे और बेटे को केवल छुट्टियों में क्रिकेट खेलते हुए पढ़ाई पर ध्यान देने की बात कह सकते थे। वह स्कूल बदलने के सुझाव को खारिज कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने और बाकी परिवार ने फैसला सचिन पर छोड़ा।'  

बता दें कि 24 अप्रैल 1973 में जन्मे सचिन के नाम टेस्ट और वनडे मिलाकर कुल 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 200 टेस्ट में 51 शतक और 68 अर्धशतक की मदद से 15921 रन बनाए। साथ ही 463 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 18426 रन बनाए। सचिन के वनडे में 49 शतक ठोके जो अभी एक रिकॉर्ड है। 

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