भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप जीतने के महज एक महीने बाद ही पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने जूनियर चयन समित के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रसाद ने अपने त्यागपत्र का ईमेल बीसीसीआई को शुक्रवार को भेजा। प्रसाद ने अपने इस्तीफे की पुष्टि तो की है लेकिन इसकी वजह बताने से इनकार कर दिया है। 48 वर्षीय प्रसाद इस पद पर 20 महीने पहले नियुक्त हुए थे।
बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने भी प्रसाद के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने उनसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा, लेकिन वह इसे लेकर दृढ़ हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं।
प्रसाद ने संकेत दिए हैं कि वह दोबारा कोचिंग की तरफ लौटेंगे लेकिन बीसीसीआई का हितों के टकराव का नियम उनके इस्तीफे की प्रमुख वजह है। इस नियम के मुताबिक, 'भारतीय टीमों के कोच या राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी प्राइवेट कोचिंग ऐकैडमी से जुड़ने की इजाजत नहीं है।'
अपने इस्तीफे की खबर की पुष्टि करते हुए प्रसाद ने कहा कि हां, मैंने पद छोड़ दिया है लेकिन मैं वजहों का खुलासा नहीं करना चाहूंगा। उन्होंने कहा चयन समिति के प्रमुख के रूप में अपनी यात्रा को उन्होंने बेहतरीन और संतोषजनक अनुभव करार दिया।
सीनियर कमिटी के प्रत्येक सदस्य को महिला और पुरुष टीमों के पिछले साल के शानदार प्रदर्शन पर 15 लाख रुपये का इनाम दिया गया था। वहीं अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम की जीत के बावजूद वेंकटेश प्रसाद, ज्ञानेंद्र पाण्डेय और राकेश पारीख को कोई इनाम नहीं मिला, जबकि इस टीम के खिलाड़ियों और द्रविड़ के नेतृत्व वाले कोचिंग स्टाफ के प्रत्येक सदस्य को 25-25 लाख रुपये दिए गए थे।