कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए इस मैच के दौरान अविष्का फर्नांडो ने 75 गेंदों में 82 रन की शानदार पारी खेली। अविष्का की बल्लेबाजी के दम श्रीलंका ने मैच 32 गेंदें रहते ही जीत लिया, जिसके चलते उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' से भी नवाजा गया।
अविष्का की बल्लेबाजी के दौरान उनके पिता बेहोश होकर स्टेडियम में ही गिर पड़े। पिता के बारे में अविष्का को कुछ पता नहीं था। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी जारी रखी। जब वह आउट होकर पवेलियन पहुंचे, तो उन्हें पिता के बारे में बताया गया। अविष्का के पिता डायबिटीज के मरीज हैं।
मैच के बाद अविष्का फर्नांडो ने खुद ही बताया कि उनके पिता फिलहाल खतरे से बाहर हैं। उन्होंने ये भी कहा कि शतक से चूकने का उन्हें अफसोस नहीं है। बता दें कि श्रीलंका ने दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में रविवार को बांग्लादेश को सात विकेट से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली।
सलामी बल्लेबाज फर्नांडो ने 75 गेंद में नौ चौके और दो छक्कों की मदद से 82 रन की पारी खेली, जिससे टीम ने 32 गेंद शेष रहते तीन विकेट के नुकसान पर 242 रन बनाकर जीत दर्ज कर ली। मैथ्यूज ने नाबाद 52 और कुशाल मेंडिस ने नाबाद 41 रन का योगदान दिया। बांग्लादेश के लिए मुस्ताफिजूर रहमान ने दो विकेट लिए।
इससे पहले विकेटकीपर मुश्फिकर रहीम की नाबाद 98 रन की पारी के बावजूद बांग्लादेश की टीम 50 ओवर में आठ विकेट पर 238 रन ही बना सकी। रहीम ने 110 गेंद की पारी में छह चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 98 रन बनाए। टॉस जीतकर बल्लेबाजी के लिए उतरे बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज कप्तान तमीम इकबाल (19) और सौम्य सरकार (11) कुछ खास नहीं कर सके। इससे टीम ने नौवें ओवर तक 31 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे।
मोहम्मद मिथुन (12) और महमूदुल्लाह (06) को अकिला धनंजय (39 रन पर दो विकेट) ने जल्दी जल्दी पवेलियन भेजा जिससे 68 रन तक बांग्लादेश के चार विकेट गिर गए। रहीम ने इसके बाद मेहंदी हसन मिराज (43) के साथ सातवें विकेट के लिये 84 रन की साझेदारी करके स्कोर 200 के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। श्रीलंका के लिए धनंजय के अलावा नुवान प्रदीप और इसरू उदाना ने दो-दो विकेट लिये। श्रृंखला का तीसरा एकदिवसीय 31 जुलाई को खेला जाएगा।