नई दिल्ली, 28 अप्रैल: पूर्व चयनकर्ता संदीप पाटिल ने कहा है कि गौतम गंभीर के टीम इंडिया से ड्रॉप होने का एक बड़ा कारण उनका एटीट्यूड रहा है। गंभीर इसी हफ्ते दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी छोड़ने के बाद लगातार चर्चा में हैं। उन्हें शुक्रवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच में भी मौका नहीं मिला। हालांकि, मैच के बाद श्रेयष अय्यर ने साफ किया कि नहीं खेलने का फैसला गंभीर का खुद का था।
इन सबके बीच संदीप पाटिल ने वेबसाइट 'द क्वींट' के लिए लिखे लेख में गंभीर के बारे में कई चौंकाने वाली बातें कही हैं। पाटिल ने लिखा है, उन्हें भारतीय टीम से ड्रॉप किया गया और इसके पीछे मुख्य कारण उनका लगातार बढ़ रहा 'एटीट्यूड प्रॉब्लम' था। उनके इस 'एंग्री यंगमैन' एटीट्यूड के कारण ही मैं उन्हें भारतीय क्रिकेट का अमिताभ बच्चन कहता था।
पाटिल ने अपने लेख में लिखा है कि 2011 में इंग्लैंड दौरे में एक बाउंसर लगने के बाद गंभीर का भारत लौट आना उनके लिए सबसे महंगा साबित हुआ। पाटिल ने लिखा है कि स्कैन से पता चला कि उनकी चोट बहुत गंभीर नहीं थी और वह उस सीरीज में खुद को जारी रख सकते थे। (और पढ़ें- IPL 2018: युवराज के सवाल पर क्या चिढ़ गए थे अश्विन? प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक वीडियो से उठे सवाल)
पाटिल से ऐसे टूटी दोस्ती!
पाटिल ने ये खुलासा भी किया है कि वे और गंभीर करीब 7-8 साल तक अच्छे दोस्त थे लेकिन टीम से ड्रॉप होने के बाद गंभीर ने दोस्ती तोड़ दी। पाटिल के अनुसार शिखर धवन का रूतबा बढ़ने के साथ गंभीर की वापसी और मुश्किल होती चली गई।
पाटिल दरअसल उस समय बीसीसीआई की चयन समिति के चेयरमैन थे जब गंभीर को ड्रॉप करके धवन को टीम इंडिया में मौका देने का फैसला किया गया। इसके बाद मुरली विजय और दूसरे खिलाड़ियों के प्रदर्शन के कारण गंभीर की टीम इंडिया में वापसी मुश्किल हो गई।
पाटिल के अनुसार गंभीर और उनके बीच अब भी रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हुए हैं। पाटिल को लगता है कि गंभीर अब भी उनसे नाराज हैं। हालांकि, पाटिल ने ये भी लिखा है कि गंभीर हमेशा उनके पसंदीदा क्रिकेट रहेंगे।
पाटिल ने अपनी लेख में गंभीर के बारे में कही ये बड़ी बातें-
- गंभीर ने अपनी मेहनत और टैलेंट से बतौर ओपनर टीम इंडिया में जगह बनाई।
- गंभीर हमेशा क्रिकेट के बारे में सोचते और बात करते हैं।
- गंभीर के एटीट्यूड ने ही उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का चेहरा बनाया और टीम इंडिया से बाहर जाने के पीछे भी सबसे बड़ी वजह उनका एटीट्यूड रहा।
- कई बार क्रिकेट में एटीट्यूड मायने रखता है। मैं ये नहीं कहता कि गंभीर को किसी को या टीम मैनेजमेंट को खुश करने की कोशिश करनी चाहिए थी लेकिन एक अच्छा व्यवहार उनकी मदद कर सकता था: संदीप पाटिल
गौरतलब है कि गंभीर 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। दोनों ही बार भारत ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में यह खिताब जीता था। 2011 में वानखेड़े में खेले गए वर्ल्ड कप के फाइनल में तो गंभीर ने 97 रनों की पारी खेली थी और एक समय टीम इंडिया में धोनी के बाद नंबर-2 की हैसियत रखते थे। उस दौरान उन्हें अगले कप्तान के तौर पर भी देखा जा रहा था। (और पढ़ें- IPL 2018: श्रेयष अय्यर ने IPL में खेली 'सबसे बड़ी' पारी, KKR के खिलाफ मैच में बनाया ये रिकॉर्ड)