जब सचिन ने दिलाया था मैक्ग्रा को गुस्सा, मास्टर ब्लास्टर ने किया खुलासा, कैसे बिगाड़ी थी ऑस्ट्रेलियाई स्टार गेंदबाज की लय

Sachin Tendulkar, Glenn McGrath: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया है कि कैसे 2000 चैंपियंस ट्रॉफी के एक मैच में उन्होंने मैक्ग्रा की लय बिगाड़ने के लिए लिया था जुबानी जंग का सहारा

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 16, 2020 3:14 PM

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ठळक मुद्देसचिन ने कहा कि वह 2000 चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल गया मैच भूल नहीं सकतेभारत उस मैच में ऑस्ट्रेलिया पर रोमांचक जीत के साथ पहुंचा था सेमीफाइनल में

वसीम अकरम, ब्रेट ली, ग्लेन मैक्ग्रा से लेकर तमाम महान गेंदबाजों ने अपने करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर के खिलाफ स्लेजिंग की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें जल्द ही अहसास हो गया कि मास्टर ब्लास्ट के खिलाफ ये रणनीति असफल है क्योंकि वह इससे बैटिंग के लिए और दृढ़ प्रतिज्ञ हो जाते हैं। लेकिन एक मैच ऐसा था, जिसमें सचिन ने मैक्ग्रा के खिलाफ स्लेजिंग की शुरुआत थी, ताकि वह उन्हें लय हासिल करने से रोक सकें।

सचिन ने 2000 में नैरोबी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी मैच के बारे में कहा, 'इस मैच को वह भूल नहीं सकते।' सचिन ने बताया कि उन्होंने कैसे मैक्ग्रा को उनकी नैसर्गिक लय से भटकाने की योजना बनाई। सचिन ने कहा कि उस पिच में थोड़ी नमी थी और भारत पहले खेल रहा था तो उन्हें और कप्तान सौरव गांगुली को टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत दिलाने के लिए बेहतरीन बैटिंग करने की जरूरत थी। 

सचिन ने cricket.com को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं 2000 में नैरोबी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच को नहीं भूल सकता। विकेट एक बार फिर थोड़ा गीला था और उस पर बैटिंग आसान नहीं थी। विकेट में बहुत जीवंतता था। 

सचिन ने खोला राज, जब उन्होंने बनाई थी मैक्ग्रा के खिलाफ आक्रामक होने की योजना

सचिन ने कहा, 'मैक्ग्रा ने जिस तरह से पहला ओवर फेंका, मैंने सौरव गांगुली से बात की और सलाह दी कि मैं मैक्ग्रा के खिलाफ आक्रमण  (जुबानी जंग) करता हूं। मुझे अहसास हुआ कि हमें कुछ एकदम अलग करना होगा (माइंड गेम खेलना)। मैंने उनसे कुछ शब्द कहे और इससे वह हैरान रह गए। मैंने साथ ही उनके खिलाफ शॉट खेलने भी शुरू कर दिए, हालांकि उनमें से कुछ बहुत खतरनाक भी थे।'

मास्टर ब्लास्टर ने खुलासा किया कि उन्होंने मैक्ग्रा को नाराज करने की योजना बनाई थी ताकि वह ऑफ स्टंप के बाहर गेंदें फेंकने के बजाय उनके शरीर पर फेंके।

सचिन ने कहा, 'योजना उन्हें (मैक्ग्रा) को नाराज करने की थी ताकि वह मुझे आउट करने की कोशिश के बजाय मेरे शरीर पर आक्रमण करें। हम कई बार बीट भी हुए लेकिन हम साथ ही जहां चाहते थे वहां मैक्ग्रा को गेंद फिंकवाने में सफल रहे। मैंने 38 रनों की तेज पारी खेली और मैं खुश था मेरे रन जीत में काम आए।'

काम आई थी मैक्ग्रा के खिलाफ सचिन की योजना, भारत ने दी थी ऑस्ट्रेलिया को मात

सचिन की योजना काम कर गई और ऑस्ट्रेलिया को पहले 10 ओवरों में कोई विकेट नहीं मिला। भारत को पहला झटका 11.3 ओवर में 66 के स्कोर पर सचिन तेंदुलकर के रूप में लगा, जिन्होंने ब्रेट ली की गेंद पर आउट होने से पहले 37 गेंदों में तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 38 रन बनाए।

मैक्ग्रा उस मैच में 9 ओवर में 61 रन देने के बावजूद एक भी विकेट नहीं ले पाए। भारत ने अपना डेब्यू मैच खेल रहे युवराज सिंह की 80 गेंदों में 84 रन की पारी की मदद से पहले खेलते हुए 265/9 का स्कोर बनाया।

धीमे ओवर रेट के कारण ऑस्ट्रेलियाई पारी के दो ओवर काटे गए थे और उसकी पूरी टीम 46.2 ओवरों में 245 पर सिमट गई और भारत 2 रन से जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंच गया था। भारत के लिए अजीत अगरकर, जहीर खान, और वेंकटेश प्रसाद ने दो-दो विकेट लिए थे।

सचिन ने एक और मैच का जिक्र किया, जिसमें उन्हें मैक्ग्रा के खिलाफ आक्रमण किया था।

सचिन ने कहा, 'एक पारी मुझे याद है, जो 2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पहला वनडे था। ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज के तुरंत बाद। मैं वीवीएस लक्ष्मण के साथ बैटिंग कर रहा था और साथ में मिलकर हमने भारत को तेज शुरुआत दिलाई। मैंने मैक्ग्रा के खिलाफ ज्यादा आक्रामक होने का फैसला किया था। एक ओवर ऐसा था जिसमें मैं मैक्ग्रा के खिलाफ  आक्रमण करने में सफल रहा और मैंने एक ही ओवर में तीन चौके और एक छक्का जड़ा। सोच थी उन्हें सेटल नहीं होने देने की, और योजना ज्यादातर काम कर गई। मैं उस मैच में 35 रन पर रन आउट हो गया था लेकिन मैं बड़ी पारी खेलने के लिए अच्छी फॉर्म में था।'

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