महिला टीम के नए कोच नियुक्ति की प्रक्रिया पर भड़कीं डायना एडुल्जी, कहा, 'गैरकानूनी और दिखावा'

Diana Edulji: सीओए की सदस्य डायना एडुल्जी ने महिला टीम के नए कोच की नियुक्ति की प्रक्रिया पर नाराजती जताते हुए इसे अंसवैधानिक और दिखावा करार दिया

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: December 21, 2018 13:57 IST2018-12-21T13:55:48+5:302018-12-21T13:57:05+5:30

Process of appointing India Women Cricket is illegal and a sham, says Diana Edulji | महिला टीम के नए कोच नियुक्ति की प्रक्रिया पर भड़कीं डायना एडुल्जी, कहा, 'गैरकानूनी और दिखावा'

डायना एडुल्जी ने नए महिला कोच चयन प्रक्रिया पर उठाए सवाल

पूर्व भारतीय ओपनर डब्ल्यूवी रमन को बीसीसीआई द्वारा गुरुवार को भारतीय महिला टीम का नया कोच नियुक्त किए जाने के बावजूद, ये बात सामने आई है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) की एक सदस्य डायना एडुल्जी को इस नियुक्ति की सहमति प्राप्त नहीं है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एडुल्डी ने गुरुवार रात सीओए प्रमुख विनोद राय को लिखे एक कड़े ईमेल में भारतीय महिला टीम का नया कोच नियुक्त करने की पूरी प्रक्रिया को, 'असंवैधानिक, गैरकानूनी और दिखावटी' करारा दिया है। 

महिला टीम कोच नियुक्त करने की प्रक्रिया को लेकर डायना एडुल्जी और विनोद राय के बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं।

एडुल्जी ने राय को लिखे मेल में लिखा है, 'महिला क्रिकेट टीम के लिए एक योग्य कोच चुनने की पूरी प्रक्रिया असंवैधानिक है। मैं जोर देकर कहती हूं कि हमें लोढ़ा सुधारों को लागू करने के लिए नियुक्त किया गया था, जिसके मुताबिक भारतीय टीम के कोच की नियुक्ति सिर्फ सीएसी ही कर सकती है। ऐड-हॉक कमिटी को नियुक्त करने का आपका एकतरफा निर्णय न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि अवैध है।' 

एडुल्जी ने साथ ही राय पर इस मुद्दे को बीसीसीआई सीईओ के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के विवाद से ध्यान भटकाने की रणनीति के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। 

इससे पहले गुरुवार को बीसीसीआई के ट्रेजरर अनिरुद्ध चौधरी ने भी विनोद राय को महिला टीम का कोच नियुक्त करने की प्रक्रिया में कानूनी और वित्तीय प्रतिक्रियाओं को लेकर सावधान किया था जिसे एक सीओए सदस्य ने ढकोसला कहा है।

लेकिन एडुल्जी की आपत्ति के बावजूद पैनल का गठन करने वाले विनोद राय ने कहा है कि   इस पूरी प्रक्रिया में उनका फैसला आखिरी होगा। राय ने इस मामले में कानूनी विशेषज्ञो की सलाह भी ली है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यन भी शामिल हैं। 

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