पृथ्वी शॉ ने 18 साल की उम्र में टेस्ट शतक से रचा इतिहास, जानिए इस युवा खिलाड़ी से जुड़ी 10 रोचक बातें

Prithvi Shaw: पृथ्वी शॉ ने विंडीज के खिलाफ राजकोट टेस्ट में महज 18 साल 329 दिन की उम्र में टेस्ट शतक जड़कर रचा नया इतिहास

By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 04, 2018 3:05 PM

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नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए विंडीज के खिलाफ गुरुवार को डेब्यू करते हुए अपने पहले ही टेस्ट में 99 गेंदों में शतक जड़ते हुए कई कमाल के रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। शॉ महज 18 साल 329 दिन की उम्र में टेस्ट शतक जड़कर डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले भारत के सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गए हैं। 

उन्होंने राजकोट टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ महज 99 गेंदों में 15 चौकों की मदद से अपने पहले टेस्ट में शतक जड़ा। वह 154 गेंदों में 19 चौकों की मदद से 134 रन की तूफानी पारी खेलकर आउट हुए। आइए जानें इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी से जुड़ी 10 रोचक बातें।

पृथ्वी शॉ ने पहले ही टेस्ट में रचा इतिहास, जानिए उनसे जुड़ी 10 रोचक बातें

1. पृथ्वी शॉ रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और टेस्ट क्रिकेट के डेब्यू मैच में शतक लगा चुके हैं। वह 17 साल की उम्र में सचिन का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दलीप ट्रॉफी फाइनल में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बने थे।

2. पृथ्वी शॉ 18 साल 329 दिन की उम्र में टेस्ट डेब्यू कर भारत के 13वें सबसे युवा खिलाड़ी और पांचवें सबसे युवा विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं। 

3. पृथ्वी शॉ 18 साल 329 दिन की उम्र में शतक जड़ते हुए डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। वह कुल मिलाकर सचिन के बाद टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज हैं। वह डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले भारत के 15वें बल्लेबाज हैं।

4.पृथ्वी शॉ डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले दुनिया के चौथे सबसे युवा बल्लेबाज हैं। वह सबसे कम उम्र शतक लगाने वाले सचिन के बाद दूसरे युवा भारतीय और दुनिया के कुल सातवें सबसे युवा बल्लेबाज हैं।

5.पृथ्वी शॉ डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले भारत के तीसरे सबसे तेज भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने 99 गेंदों में पहला शतक जड़ा, रिकॉर्ड 85 गेंदों में ये कमाल करने वाले शिखर धवन के नाम है।

6.भारत ने फरवरी 2018 में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता है। शॉ ने इस टूर्नामेंट में 261 रन बनाए और विराट कोहली, उन्मुक्त चंद और पार्थिव पटेल को पीछे छोड़ते हुए इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय कप्तान बने। 

7.पृथ्वी शॉ का नाम तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने 2013 में अंडर-16 स्कूल टूर्नामेंट में अपने स्कूल रिजवी स्प्रिंगफील्ड के लिए 300 गेंदों में 546 रन ठोक दिए थे। बाद में मुंबई के ही प्रणव धनावड़े ने 1009 रन की पारी खेलते हुए ये रिकॉर्ड तोड़ा। लेकिन शॉ का स्कोर दुनिया में किसी भी उम्र की और किसी भी तरह की क्रिकेट में बनाया गया चौथा सबसे बड़ा स्कोर है।

8. पृथ्वी शॉ की प्रतिभा सबसे पहले 2010 में स्पिनर रहे नीलेश कुलकर्णी ने पहचानी। कुलकर्णी की स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी ने शॉ के साथ 3 लाख रुपये सालाना का करार किया था। पृथ्वी शॉ का जन्म 9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के थाणे में हुआ था। शॉ मुंबई के पालघर जिले के छोटे से इलाके विरार से आते हैं। शॉ की मां का चार साल की उम्र में ही निधन हो गया था। 

9. दिल्ली डेयरडेविल्स ने 2018 की आईपीएल नीलामी में शॉ को 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा, जो उनकी बेस प्राइस 20 लाख रुपये से छह गुना ज्यादा थी।

10. पृथ्वी शॉ को क्रिकेट सीखने के लिए विरार से चर्चगेट तक का हर दिन का लगभग दो घंटे का सफर तय करना पड़ता था। लेकिन एख कॉपोरेटर द्वारा उनके परिवार को सांताक्रूज में दिए गए फ्लैट से उनके सफर की ये मुश्किल खत्म हो गई।

टॅग्स :पृथ्वी शॉभारत Vs वेस्टइंडीजसचिन तेंदुलकर

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