Pant Accident: ऋषभ पंत को 'गोल्डन आवर' में अस्पताल पहुंचाने वाले बस ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर समेत अन्य को किया जाएगा सम्मानित

बकौल सुशील मैंने उससे पूछा कि क्या वह कार में अकेला था। उसने कहा कि कोई नहीं है। उसका चेहरा खून से लथपथ था और उसके कपड़े फटे हुए थे और उसकी पीठ छिल गई थी। वह घबरा रहा था और लंगड़ा रहा था।

By अनिल शर्मा | Published: December 31, 2022 10:09 AM

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ठळक मुद्देपंत का चेहरा खून से लथपथ था और उसके कपड़े फटे हुए थेः बस ड्राइवरमैं क्रिकेट नहीं देखता, इसलिए नहीं पता था कि वह कौन हैः ड्राइवर सुशीलपंत के एमआरआई स्कैन के रिजल्ट सामान्य आए हैं।

भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत की सड़क हादसे में जान बचानेवाले बस ड्राइवर समेत अन्य को सम्मानित किया जाएगा। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पंत को 'गोल्डन आवर' के भीतर अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले हरियाणा रोडवेज के बस ड्राइवर और कंडक्टर समेत अन्य को केंद्र की गुड समैरिटन योजना के तहत सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसी भी सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के लिए पहला एक घंटा यानी गोल्डन आवर बहुत महत्वपूर्ण होता है। उस दौर में पीड़िता को जरूरी इलाज मिलना बेहद जरूरी है। आम लोगों में इस व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए गुड समैरिटन योजना लागू की गई है।

क्रिकेटर ऋषभ पंत के कार हादसे के बाद हरियाणा रोडवेज बस के ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर ने पंत की जलती कार से बाहर निकलने में मदद की थी। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर इस हादसे के बाद सुशील ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी। 

पंत का सामान सड़क पर बिखरा हुआ था

सुशील सड़क के दूसरी तरफ गाड़ी चला रहा था और उसने क्रिकेटर की कार दुर्घटना देखी। सुशील ने बड़ी सूझबूझ दिखाई और जैसे ही उसने देखा कि पंत की कार में आग लगने वाली है, वह ठीक समय पर वहां पहुंचकर पंत की मदद की। सुशील ने बताया कि पंत का सामान सड़क पर बिखरा हुआ था, जिसे उसने और उसके साथ मौजूद बस कंडक्टर ने उठाया और बाद में पंत को वापस कर दिया।

हिंतुस्तान टाइम्स को सुशील ने बताया कि पंत ने हमें अपनी मां का नंबर दिया। हमने उसे फोन किया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ था। एम्बुलेंस 15 मिनट के बाद आई और हम उसमें सवार हो गए। उसने अपना पैसा भी सड़क पर बिखेर दिया था, जिसे हमने उठाया और सौंप दिया। 

पंत का चेहरा खून से लथपथ था और उसके कपड़े फटे हुए थेः बस ड्राइवर

बकौल सुशील मैंने उससे पूछा कि क्या वह कार में अकेला था। उसने कहा कि कोई नहीं है। उसका चेहरा खून से लथपथ था और उसके कपड़े फटे हुए थे और उसकी पीठ छिल गई थी। वह घबरा रहा था और लंगड़ा रहा था।

मैं क्रिकेट नहीं देखता, इसलिए नहीं पता था कि वह कौन हैः ड्राइवर सुशील

सुशील ने कहा कि वह पंत की पहचान के बारे में नहीं जानता क्योंकि वह क्रिकेट को नहीं देखता है और कंडक्टर ने ही उसे बताया था कि वह भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि पंत को अस्पताल ले जाने में उनकी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों को किए गए कॉल का कोई जवाब नहीं आया।

हम मदद के लिए चिल्लाए लेकिन कोई नहीं आयाः बस ड्राइवर

सुशील ने यह भी कहा कि "हम मदद के लिए चिल्लाने लगे लेकिन कोई नहीं आया। मैंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोन किया, किसी ने जवाब नहीं दिया। फिर मैं पुलिस के पास दौड़ा और कंडक्टर ने एम्बुलेंस के लिए फोन किया। हम उससे पूछते रहे कि क्या वह ठीक है। उसे थोड़ा पानी दिया। बाद में उसने हमें बताया कि वह ऋषभ पंत है। मैंने कहा होगा कोई क्रिकेटर, हमें क्या मतलब क्रिकेट से।" उन्होंने कहा, "हमें तो इंसानियत के लिए बस उन्हें बचाना था।"

पंत के एमआरआई स्कैन के रिजल्ट सामान्य आए

इस बीच ईएसपीएन क्रिकइंफो' की रिपोर्ट के अनुसार, ऋषभ पंत के चेहरे की चोट और घावों को ठीक करने के लिए उनकी प्लास्टिक सर्जरी कर दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पंत के ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के एमआरआई स्कैन के रिजल्ट सामान्य आए। सूजन के कारण उनके टखने और घुटने का एमआरआई स्कैन शनिवार को होगा।

टॅग्स :ऋषभ पंतसड़क दुर्घटना
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