टी20 लीग को भ्रष्ट तत्वों से बचाने के लिए फ्रेंचाइजी की मालिकाना प्रक्रिया की जांच की जरूरत: बीसीसीआई

कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) मैच फिक्सिंग प्रकरण में दो प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों (पूर्व भारत ए और कर्नाटक के विकेटकीपर सीएम गौतम और प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी अबरार काजी) को गिरफ्तार किया गया।

By भाषा | Updated: November 9, 2019 18:35 IST2019-11-09T18:34:27+5:302019-11-09T18:35:49+5:30

Ownership module in state-run T20 leagues need to be examined: ACU chief Ajit Singh | टी20 लीग को भ्रष्ट तत्वों से बचाने के लिए फ्रेंचाइजी की मालिकाना प्रक्रिया की जांच की जरूरत: बीसीसीआई

टी20 लीग को भ्रष्ट तत्वों से बचाने के लिए फ्रेंचाइजी की मालिकाना प्रक्रिया की जांच की जरूरत: बीसीसीआई

Highlightsबेलागावाी पैंथर्स टीम के मालिक अली अशफाक थारा की गिरफ्तारी के साथ केपीएल फिक्सिंग सुर्खियों में आई।केपीएल मैच फिक्सिंग प्रकरण में दो प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया गया।

नयी दिल्ली, नौ नवंबर।बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) प्रमुख अजीत सिंह को लगता है कि राज्य द्वारा चलाई जा रही टी20 लीग को भ्रष्ट तत्वों से बचाने के लिए फ्रेंचाइजी की ‘मालिकाना प्रक्रिया की जांच करने की जरूरत’ है। हाल में कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) मैच फिक्सिंग प्रकरण में दो प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों (पूर्व भारत ए और कर्नाटक के विकेटकीपर सीएम गौतम और प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी अबरार काजी) को गिरफ्तार किया गया। बेलागावाी पैंथर्स टीम के मालिक अली अशफाक थारा की गिरफ्तारी के साथ केपीएल फिक्सिंग सुर्खियों में आई।

एसीयू प्रमुख अजीत सिंह ने कहा, ‘‘इन टीमों को खुली नीलामी में खरीदा गया था और इनकी नीलामी बीसीसीआई द्वारा नहीं की गयी बल्कि राज्य संघों द्वारा की गयी। मेरे ख्याल से जिसने सबसे ज्यादा बोली लगायी, उसने फ्रेंचाइजी खरीदी। इसलिये इन फ्रेंचाइजी को खरीदने का जो तरीका रहा, उसकी जांच की जरूरत है।’’

यह पूछने पर कि संभावित मालिकों का पुलिस सत्यापन करके इससे निपटने का तरीका हो सकता है तो राजस्थान पुलिस के पूर्व डीजीपी ने कहा, ‘‘पुलिस सत्यापन के भी सुझाव हैं। अब पुलिस सत्यापन भी हमेशा कारगर नहीं होती। पुलिस आपको सिर्फ आपराधिक रिकार्ड के आधार पर ही रिपोर्ट देगी। अगर कोई रिकार्ड नहीं है तो पुलिस बताएगी कि इस संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई रिकार्ड नहीं है। बस इतना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि इनमें (संभावित राज्य लीग की फ्रेंचाइजी) से किसी का भी आपराधिक रिकार्ड होगा। अगर किसी का आपराधिक रिकार्ड होगा भी तो उसके पास टीम की बोली लगाने के लिये कोई और व्यक्ति होगा। इससे काम नहीं चलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको साथ ही उनके साथ मजबूत व्यक्तिगत संपर्क रखना होगा और लगातार बताना होगा कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। साथ ही बोली लगाने की अनुमति देने से पहले और बाद में आप उनके वित्तीय रिकार्ड की जांच कर सकते हो। लेकिन किसी तरह की निगरानी की जरूरत है।’’

Open in app