निकलोस पूरन: कभी पैर टूटने की वजह से डॉक्टर ने दी थी क्रिकेट छोड़ने की सलाह, अब दिखाई ऐसी फील्डिंग कि जॉन्टी रोड्स को भी करना पड़ा सलाम

2015 में निकलोस पूरन के पैर टूटने की वजह से वह पीएसएल को बीच में छोड़कर चले गए थे। लगभग 18 महीने बाद वह अपने चोट से उबर कर वापस मैदान पर खेलने में सफल रहे थे।

By अमित कुमार | Published: September 28, 2020 2:16 PM

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ठळक मुद्देनिकलोस पूरन ने बाउंड्री लाइन पर कमाल की फील्डिंग से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। खिलाड़ी के द्वारा ऐसी कोशिश देखकर जॉन्टी रोड्स हैरत में पड़ गए और उछलकर ताली बजाने लगे।साल 2015 में एक कार दुर्घटना में पूरन इस कदर चोटिल हो गए थे कि डॉक्टर ने उन्हें क्रिकेट छोड़ने तक को कह दिया था।

रविवार को पंजाब की टीम ने राजस्थान के खिलाफ 224 रनों के लक्ष्य को बचाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन राजस्थान ने इसे जीतकर एक नया इतिहास रच दिया। यह मैच बल्लेबाजों के नाम रहा। पहले मयंक अग्रवाल और केएल राहुल फिर संजू सैमसन और राहुल तेवतिया ने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। लेकिन इस मैच के दौरान निकलोस पूरन भी काफी चर्चा में रहे। 

विंडीज के विकेटकीपर बल्लेबाज निकलोस पूरन ने बाउंड्री लाइन पर कमाल की फील्डिंग से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। निकोलस पूरन ने बाउंड्री पर संजू सैमसन के द्वारा लगाए गए हवाई शॉट को हवा में उड़कर जिस तरह से रोका, उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। पंजाब के फील्डिंग कोच  जॉन्टी रोड्स ने जहां डग आउट में खड़े होकर पूरन के लिए ताली बजाने का काम किया। टीम के खिलाड़ी के द्वारा ऐसी कोशिश देखकर जॉन्टी रोड्स हैरत में पड़ गए और उछलकर ताली बजाने लगे।

पांच साल पहले हादसे में टूट गया था पूरन का पैर

लेकिन क्या आप जानते हैं मैदान पर सुपरमैन बनकर गेंद को रोकने वाला यह खिलाड़ी आज से पांच साल पहले एक हादसे का शिकार रह चुका है। साल 2015 में एक कार दुर्घटना में पूरन इस कदर चोटिल हो गए थे कि डॉक्टर ने उन्हें क्रिकेट छोड़ने तक को कह दिया था। पूरन ने इस बारे में एक इंटरव्यू में कहा था, ‘‘मैं बेहोश हो गया और फिर मुझे याद नहीं कि क्या हुआ था। फिर मैं जगा तो हैरान हो गया कि ये कैसे हुआ। मुझे एम्बुलेंस में ले जाया गया, मैं अपने पैर को नहीं हिला सकता था।’’

 

पूरन को करवानी पड़ी थी दो सर्जरी

डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके बाएं पैर का घुटना टूट गया और दाहिने टखने में फ्रैक्चर हो गया था। वह अपना पैर सीधा नहीं कर सकते थे। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें हमेशा के लिए क्रिकेट छोड़ने के लिए कह दिया था। लेकिन पूरन ने हार नहीं मानी, और खुद पर भरोसा बनाए रखा। पूरन ने मेहनत की और लगभग 18 महीने बाद एक बार फिर मैदान पर वापसी करने में कामयाबी हासिल की। 

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