पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का बयान, 'मिताली राज की तरह मुझे भी करियर के चरम पर बाहर किया गया था'

Sourav Ganguly: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि मिताली राज की तरह ही मुझे भी अपने करियर के चरम पर टीम से बाहर किया गया था

By भाषा | Updated: November 25, 2018 18:19 IST

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ठळक मुद्देपूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने मिताली राज विवाद पर दिया बयानगांगुली ने कहा, 'मुझे भी मिताली राज की तरह अपने करियर के चरम पर बाहर किया गया था'गांगुली ने कहा, मिताली को निराश नहीं होना चाहिए, उनके पास वापसी के मौके हैं

कोलकाता, 25 नवंबर: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली महिला क्रिकेट टीम की सबसे सीनियर खिलाड़ी मिताली राज को इंग्लैंड के खिलाफ विश्व टी20 के सेमीफाइनल में बाहर किये जाने से हैरान नहीं है और उन्होंने कहा कि जब वह अपने करियर के चरम पर थे तब उन्हें भी इसी तरह से बाहर किया गया था। 

वनडे टीम की कप्तान मिताली ने पाकिस्तान और आयरलैंड के खिलाफ अर्धशतक जमाये लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम लीग मैच से विश्राम दिया गया और इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्हें अंतिम एकादश में नहीं रखा गया जिसमें भारत को आठ विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी। 

गांगुली ने कहा, 'भारत की कप्तानी करने के बाद मुझे भी डगआउट में बैठना पड़ा था। जब मैंने देखा कि मिताली राज को भी बाहर किया गया है तो मैंने कहा, 'इस ग्रुप में आपका स्वागत है।' 

इस 46 वर्षीय खिलाड़ी ने पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच को याद करते हुए कहा, 'कप्तान आपको बाहर बैठने के लिये कहते हैं तो वैसा करो। मैंने फैसलाबाद में ऐसा किया था। मैं 15 महीने तक वनडे नहीं खेला जबकि मैं संभवत वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा था। जिंदगी में ऐसा होता है। कभी-कभी दुनिया में आपको बाहर का रास्ता भी दिखाया जाता है।'

गांगुली ने हालांकि कहा कि मिताली के लिये रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, 'आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि आप सर्वश्रेष्ठ हो क्योंकि आपने कुछ अच्छा किया है और मौका फिर से आएगा। इसलिए मिताली राज को बाहर बैठने के लिये कहने पर मुझे निराशा नहीं हुई। मैं मैदान पर प्रतिक्रियाओं को देखकर निराश नहीं हूं।'

गांगुली ने कहा, 'लेकिन मुझे निराशा है कि भारत सेमीफाइनल में हार गया क्योंकि मुझे लगता है कि वह आगे बढ़ सकता था। ऐसा होता है कि क्योंकि कहा भी जाता है कि जिंदगी में कोई गारंटी नहीं है।'

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