30 जुलाई 1990 को लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड के 653/4 रन के विशाल स्कोर के जवाब में जब भारत का नौवां विकेट 430 के स्कोर पर गिर गया तो उसे फॉलो ऑन मिलना लगभग तय हो गया था। लेकिन उस समय विकेट पर मौजूद एक भारतीय बल्लेबाज को ये कतई मंजूर नहीं था। इस बल्लेबाज ने जिस दिलेरी से फॉलो ऑन बचाया उसे हमेशा याद रखा जाएगा। इंग्लैंड के एडी हैमिंग्स के खिलाफ 4 गेंदों पर लगातार 4 छक्के जड़ते हुए इस बल्लेबाज ने न सिर्फ भारत को फॉलो ऑन से बचाया बल्कि लॉर्ड्स में मौजूद हजारों अंग्रेजी फैंस को सन्न कर दिया। इस बल्लेबाज का नाम है कपिल देव जिन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर और तेज गेंदबाज माना जाता है।
अपनी कप्तानी में भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव ने अपने टेस्ट करियर में 434 विकेट लिए हैं। उस समय ये टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड था, जिसे बाद में वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श ने तोड़ा। आइए एक नजर डालें कपिल के करियर के 5 सबसे यादगार प्रदर्शन पर।
1. जिम्बाब्वे के खिलाफ वर्ल्ड कप में 175 रन की धमाकेदार पारी
1983 के वर्ल्ड कप में पहली बार खेल रही जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में भारत ने अपने 5 विकेट महज 17 रन पर गंवा दिए थे और जब टीम शर्मनाक हार की ओर बढ़ रही थी तो कप्तान कपिल देव ने मोर्चा संभाला और महज 138 गेंदों में 175 रन की धुआंधार नाबाद पारी खेल डाली, जिनमें 16 चौकों और 6 छक्के शामिल थे। भारत ने 60 ओवर में 8 विकेट पर 266 रन बनाए और ये मैच 31 रन से जीत लिया। इसे आज भी वनडे और वर्ल्ड कप इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक गिना जाता है।
2.इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में 4 गेंदों पर लगातार 4 छक्के
लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड ने ग्राहम गूच के 333 रन की जोरदार पारी की बदलौत 4 विकेट पर 653 रन का स्कोर खड़ा किया था। जिसके जवाब में अजहर (121) और रवि शास्त्री (100) के शतकों के बावजूद भारत के 9 विकेट 430 पर गिर गए और फॉलो ऑन का संकट मंडराने लगा। तब कपिल देव ने एडी हैमिंग्स के एक ओवर में लगातार चार गेंदों पर चार छक्के जड़ते हुए भारत को फॉलो ऑन से बचा लिया। कपिल ने 75 गेंदों पर 8 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 77 रन की नाबाद पारी खेली। हालांकि भारत ये मैच 247 रन से हार गया।
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3. एक टेस्ट पारी में 9 विकेट लेने का कमाल
कपिल देव ने 1983 में अहमदाबाद टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक पारी में 83 रन देकर 9 विकेट लेने का कमाल किया था। उस मैच में वेस्टइंडीज के पहली पारी के 281 रन के जवाब में भारतीय टीम 241 रन पर सिमट गई। फिर शुरू हुआ कपिल का जादू और उन्होंने 83 रन देकर 9 विकेट झटकते हुए विंडीज टीम को दूसरी पारी में 201 पर समेट दिया। कपिल के 9 विकेट लेने के कारनामे को क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी में से गिना जाता है। भारत ये मैच 138 रन से हार गया था।
4. 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में विव रिचर्ड्स का कैच
भारत ने वर्ल्ड कप फाइनल में 60 ओवर में 183 रन बनाए। लक्ष्य छोटा था और जवाह में विंडीज टीम के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स मैच जल्दी खत्म करने के मूड में ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे थे। विव सिर्फ 28 गेंदों पर 7 चौकों की मदद से 33 रन जड़ चुके थे। ऐसा लगा महज कुछ और ओवरों में ही विव रिचर्ड्स भारत से मैच छीन लेंगे। लेकिन तभी मदन लाल की एक गेंद पर रिचर्ड्स ने हवा में शॉट खेला और कपिल ने बाउंड्री लाइन पर दौड़ते हुए एक हाथ से यादगार कैच पकड़ा। इसके बाद विंडीज टीम को ढहने में देर नहीं लगी और वह 140 पर ऑल आउट हो गई और भारत ने 43 रन से वर्ल्ड कप जीत लिया।
5.श्रीलंका के खिलाफ 1991 में हैट-ट्रिक
कपिल देव ने अपने करियर की ढलान पर भी एक यादगार वनडे हैट-ट्रिक लेते हुए दिखाया कि वह कितने बेहतरीन गेंदबाज हैं। 1991 में एशिया कप में श्रीलंका के खिलाफ कपिल ने रोशन महानामा, सनथ जयसूर्या और रत्नानायके को लगातार तीन गेंदों पर आउट करते हुए भारत के लिए वनडे इतिहास में दूसरी हैट-ट्रिक बनाई। भारत ने श्रीलंका को 204 रन पर समेटते हुए ये मैच 7 विकेट से जीत लिया।