जन्मदिन विशेष: कपिल देव, भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर जिनकी कप्तानी में देश ने पहला वर्ल्ड कप जीता

भारत के महानमत ऑलराउंडर माने जाने वाले कपिल देव ने अपने टेस्ट करियर में 434 विकेट झटके

By विनीत कुमार | Updated: January 6, 2018 10:03 IST2018-01-06T09:58:19+5:302018-01-06T10:03:03+5:30

Kapil Dev Birthday Special: Greatest Indian allrounder and captain of 1983 world cup winning team india | जन्मदिन विशेष: कपिल देव, भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर जिनकी कप्तानी में देश ने पहला वर्ल्ड कप जीता

कपिल देव 1983 वर्ल्ड कप

भारतीय क्रिकेट में आज भी जब ऑलराउंडर की बात होती है तो सबसे पहले कपिल देव ही याद आते हैं। रॉबिन सिंह से लेकर इरफान पठान और हार्दिक पांड्या तक सभी खिलाड़ियों में कपिल को ही खोजने की कोशिश होती है। ये और बात है कि वह कोशिश अब भी जारी है। 

चंडीगढ़ में 6 जनवरी, 1959 को जन्में कपिल देव ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट में भारतीय फैंस को वह उम्मीदें दी, जिसकी कभी कल्पना भी मुश्किल थी। 1983 का वर्ल्ड बेशक भारत में क्रिकेट और इसके उभरते बाजार का सबसे बड़ा आधार बना और इसके लिए कई दूसरे खिलाड़ियों को भी श्रेय जाता है लेकिन कपिल सबसे बड़े चेहरे के तौर पर उभरे। 

कमाल के ऑलराउंडर कपिल

कपिल को अगर भारतीय टीम का पहला ऑलराउंडर कहें तो गलत नहीं होगा। कपिल की सबसे बड़ी खासियत यह थी वह तेज गेंदबाजी के साथ बेहतरीन बल्लेबाजी भी करते थे, जो उस समय एक अनूठी बात थी। कपिल के नाम 131 टेस्ट मैचों में जहां 434 विकेट हैं वहीं 5000 से ज्यादा रन भी उनके बल्ले से निकले। बतौर भारतीय गेंदबाज टेस्ट में सबसे ज्यादा 434 का रिकॉर्ड तो कई दिनों तक कायम रहा जिसे बाद में अनिल कुंबले ने तोड़ा। कपिल करीब आठ साल तक विश्व में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने रहे। साल-2000 में वेस्टइंडीज के कॉर्टनी वॉल्श ने उन्हें पीछे छोड़ा।

कपिल का यही जलवा वनडे में भी कायम रहा। उन्होंने 225 मैचों में 3783 रन बनाए और 253 विकेट भी झटके। 1983 वर्ल्ड कप में जिम्बॉब्वे के खिलाफ उनकी खेली गई 175 रनों की पारी तो आज भी क्रिकेट के इतिहास की बेहतरीन पारियों में गिनी जाती है।

विस्फोटक कपिल

कपिल देव ने भारत की ओर से 225 वनडे मैच खेले। इन मैचों में खास बात उनकी स्ट्राइक रेट रही जो 95.07 है। यह वह दौर था जब क्रिकेट में धूम-धड़ाके वाली बल्लेबाजी शुरू नहीं हुई थी लेकिन कपिल ने इसकी शुरुआत जरूर कर दी थी।

16 साल के करियर में केवल एक टेस्ट नहीं खेल सके कपिल 

क्रिकेट में फिटनेस को लेकर आज जब बात होती है तो विराट कोहली का नाम जरूर आता है। कपिल की फिटनेस की कहानी भी अपने आप में बेहद दिलचस्प है। उस दौर में भले ही क्रिकेट उतना नहीं होता हो जितना कि अब खेला जाता है। इसके बावजूद इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि कपिल ने अपने 16 साल के लंबे क्रिकेट करियर में केवल एक टेस्ट मैच मिस किया। कपिल कमाल के फिल्डर भी रहे हैं और वेस्टइंडीज के खिलाफ 1983 वर्ल्ड कप फाइनल का कैच इसका बेहतरीन उदाहरण है।

1983 के वर्ल्ड कप में बतौर कप्तान कपिल का प्रदर्शन

कपिल ने इस वर्ल्ड कप में 8 मैचों में 303 रन बनाए, 12 विकेट लिए और  7 कैच पकड़े। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह वर्ल्ड कप मील का पत्थर साबित हुआ और यहां क्रिकेट को देखने का नजरिया बदल गया। इसका एक बड़ा श्रेय कपिलदेव को ही जाता है।

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