...जब सीके नायडू ट्रॉफी के लिए हुआ इरफान खान का सेलेक्शन, सिर्फ 600 रुपये की वजह से छोड़ना पड़ा क्रिकेट

अभिनेता इरफान खान का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पाताल में निधन हो गया। वह 53 साल के थे और लंबे समय से एक दुर्लभ किस्म के कैंसर से जंग लड़ रहे थे।

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: April 29, 2020 3:34 PM

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ठळक मुद्देअभिनेता इरफान खान का मुम्बई में निधन।दुर्लभ किस्म के कैंसर से जंग लड़ रहे थे इरफान।कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे इरफान, पैसों की तंगी ने तोड़ा सपना।

बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार इरफान खान का बुधवार सुबह 53 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से एक दुलर्भ किस्म के कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इरफान को 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। उनके परिवार में पत्नी सुतापा और दो बेटे बाबिल और अयान हैं। 

राजस्थान में जन्मे इरफान अभिनय की दुनिया में आने से पहले एक क्रिकेटर बनना चाहते थे। यहां तक कि सीके नायडू ट्रॉफी के लिए उनका चयन तक हो गया था, लेकिन 600 रुपये ना होने की वजह से उन्हें अपने इस सपने को अधूरा ही छोड़ना पड़ा।

इरफान खान ने खुद इस बात का खुलासा साल 2014 में किया था। अक्सर घर के पड़ोस में ही स्थित चौगान स्टेडियम क्रिकेट खेलने जाने वाले इरफान ऑलराउंडर थे और जयुपर की टीम में सबसे युवा भी। 

इरफान ने इस बारे में कहा था, "उस वक्त मुझे पैसों की जरूरत थी, लेकिन समझ नहीं आया कि मैं घर पर कैसे मांगू। उस दिन मैंने फैसला किया कि मैं क्रिकेट में भविष्य नहीं बनाऊंगा। मैं उस समय 600 रुपये नहीं मांग सकता था।"

इरफान खान ने इसके बाद क्रिकेट छोड़ने का फैसला काफी सोच-समझकर किया था। उनका मानना था कि इस खेल में देश से सिर्फ 11 ही खिलाड़ी खेल सकते हैं, लेकिन अभिनेताओं में कोई लिमिट नहीं है।

इरफान खान ने केवल देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। खान को मलाशय संक्रमण के कारण मंगलवार को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। 

‘‘मकबूल’’ अभिनेता की 95 वर्षीय मां सईदा बेगम का चार दिन पहले ही जयपुर में इंतकाल हुआ था। अभिनेता कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे। 

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