भारतीय टीम के स्टार ओपनर रहे और कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर को इस साल की आईपीएल नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 2.8 करोड़ रुपये में खरीदा। गंभीर का बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये था और उन्हें दिल्ली ने उम्मीद से काफी कम कीमत पर खरीद लिया।
उनकी पुरानी टीम कोलकाता नाइटराइडर्स के पास उन्हें RTM के जरिए बड़ी आसानी से रिटेन करने का मौका था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इससे कई लोगों को काफी हैरानी हुई। लेकिन केकेआर ने उस वजह का खुलासा किया है जिससे उसने गंभीर को रिटेन नहीं किया। (पढ़ें: IPL नीलामी 2018: अश्विन, राहुल, मनीष, क्रुनाल का जलवा, ये हैं सबसे महंगे टॉप-10 भारतीय खिलाड़ी)
केकेआर के मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकी मैसूर ने कहा है कि गंभीर ने खुद की केकेआर से कहा था कि उनके लिए RTM का प्रयोग न करें। मैसूर ने कहा, 'वह हमारी RTM के जरिए रिटेन किए जाने की योजनाओं में थे लेकिन उन्होंने नीलामी से पहले हमसे बात की थी। उन्हें लगा कि उनके सामने अलग चुनौती हो सकती है, हमें नहीं पता कि ये क्या था। उन्होंने हमसे निवेदन किया था कि हम उनके लिए बोली से और RTM का प्रयोग करने से दूर रहें। और हमने कहा कि हम किसी की उन्नति या महत्वाकांक्षा के बीच में नहीं आएंगे। उन्हें जाता हुआ देखकर हम दुखी हैं, उनके साथ सात बेहतरीन साल।' (पढ़ें: IPL Auction 2018: नीलामी में छाए स्टोक्स, राहुल, मनीष पाण्डेय, ये हैं इस साल के सबसे महंगे खिलाड़ी)
गंभीर ने नीलामी से पहले ही कहा था कि, 'मैं अब अपने करियर के ऐसे दौर में हूं जहां मैं एक सीनियर बल्लेबाज बनना चाहता हूं, युवा खिलाड़ियों का मेंटर।'
गंभीर को केकेआर ने सबसे पहले 2011 में 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत में खरीदा था। गंभीर की कप्तानी में कोलकाता ने दो बार आईपीएल का खिताब जीता। लेकिन सात साल बाद गंभीर और कोलकाता का ये रिश्ता खत्म हो गया है।