पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने किया खुलासा, एमएस धोनी को मौका देने के लिए सौरव गांगुली को 10 दिन तक मनाया

पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे भारत के कप्तान सौरव गांगुली के पास गए और उन्हें दलीप ट्रॉफी के फाइनल में धोनी को मौका देने के लिए मनाने की कोशिश की। हम चाहते थे कि धोनी फाइनल में बतौर विकेटकीपर खेलें।

By सतीश कुमार सिंह | Published: June 02, 2021 3:34 PM

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ठळक मुद्देधोनी को टीम इंडिया में शामिल होने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। किरण मोरे ने कहा कि हमें ऐसे विकेटकीपर की तलाश थी, जो 6 या 7 पर बल्लेबाजी करते हुए 40 से 50 रन बना सके।मोरे ने कहा कि वह अपने साथियों से धोनी के बड़े-बड़े कारनामों सुन चुके थे।

नई दिल्लीः पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने खुलासा किया है कि महेंद्र सिंह धोनी को मौका देने के लिए तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली को 10 दिन तक मनाया था। 

एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सफलतम कप्तान हैं। टी-20 विश्व कप, 2011 विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी सहित कई कप भारत के लिए जीत चुके हैं। इसके बावजूद धोनी को टीम इंडिया में शामिल होने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। 

किरण मोरे ने कहा कि हमें ऐसे विकेटकीपर की तलाश थी, जो 6 या 7 पर बल्लेबाजी करते हुए 40 से 50 रन बना सके। मोरे ने यूट्यूब पर द कर्टली एंड करिश्मा शो के एक एपिसोड में कहा कि हम एक विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश में थे। जो नंबर 6 या 7 पर आ सके और हमें 40-50 रन बना सके।

मोरे ने कहा कि वह अपने साथियों से धोनी के बड़े-बड़े कारनामों सुन चुके थे। वह दलीप ट्रॉफी मैच देखने गए थे। झारखंड टीम ने 170 रन बनाए। अकेले धोनी ने 130 की पारी खेली। मोरे भारत के कप्तान सौरव गांगुली के पास गए और उन्हें दलीप ट्रॉफी के फाइनल में धोनी को मौका देने के लिए मनाने की कोशिश की। हम चाहते थे कि धोनी फाइनल में बतौर विकेटकीपर खेलें।

तभी हमारी सौरव गांगुली और दीप दासगुप्ता के साथ बहुत बहस हुई। सौरव और उनके चयनकर्ता को दीप दासगुप्ता को विकेट न रखने के लिए कहने और एमएस धोनी को विकेटकीपर रखने देने के लिए मनाने में लगभग दस दिन लग गए।

बता दें कि ये फाइनल मुकाबला नॉर्थ जोन और ईस्ट जोन के बीच था। धोनी, सौरव गांगुली और दीपदास गुप्ता ईस्ट जोन की टीम का हिस्सा थे. उस मैच में धोनी ने ओपनिंग की थी. उन्होंने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में सिर्फ 47 गेंदों में 60 रन बनाए थे।

किरण मोरे ने आगे कहा,' धोनी ने नॉर्थ जोन के सभी गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए, जिसमें आशीष नेहरा भी शामिल थे। इसके बाद हमने उन्हें इंडिया-ए के साथ केन्या भेजा गया, जहां उन्होंने ट्राई सीरीज में लगभग 600 रन बनाए थे और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।'

एमएस धोनी को भारतीय क्रिकेट में बड़ा ब्रेक तब मिला, जब तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली को झारखंड के विकेटकीपर को 2004 के दलीप ट्रॉफी के फाइनल में खेलने के लिए राजी कर लिया गया। धोनी ने जिस दौर में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था उस वक्त दीप दासगुप्ता, अजय रात्रा, पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक जैसे विकेटकीपर टीम इंडिया में दस्तक दे चुके थे।

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