टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली शुक्रवार को वेलिंगटन टेस्ट में डेब्यू मैच खेल रहे काइल जैमीसन की गेंद पर महज 2 रन बनाकर आउट हो गए। कोहली न्यूजीलैंड के इस दौरे पर तीनों फॉर्मेट की 8 पारियों में महज एक अर्धशतक ही जड़ पाए हैं।
बांग्लादेश के खिलाफ नवंबर 2019 में 136 रन की पारी खेलने के बाद से कोहली लगातार 19 इंटरनेशनल पारियों में एक भी शतक नहीं बना पाए हैं। ये शतकों के सूखे लिहाज से कोहली के करियर का तीसरा सबसे खराब रिकॉर्ड है।
कोहली के 11 साल से ज्यादा लंबे इंटरनेशनल करियर में इससे पहले केवल दो बार ही ऐसा हुआ है जब वह 19 पारियों से ज्यादा में एक भी शतक नहीं बना पाए।
2014 के बाद से कोहली का करियर का सबसे खराब दौर
कोहली के करियर का सबसे पहला बुरा दौर फरवरी 2011 से सितंबर 2011 तक था, जब वह लगातार 24 पारियों में एक भी शतक नहीं बना पाए थे। कोहली का औसत 2011 वर्ल्ड कप के 48 से गिरकर 7 महीने के इस दौर में 39 पर पहुंच गया था।
इस बुरे दौरे के 3 साल बाद कोहली के करियर का सबसे बुरा दौर आया जब वह फरवरी 2014 से अक्टूबर 2014 तक लगातार 25 इंटरनेशनल पारियों में एक भी शतक नहीं जमा पाए। इसमें इंग्लैंड का वह भयावह दौरा भी शामिल है, जिसमें कोहली 5 टेस्ट में 134 रन ही बना पाए थे और अपने ज्यादातर विकेट जेम्स एंडरसन ऐंड कंपनी को बाहर जाती गेंदों पर दिए थे।
कोहली का शतकों का ये सूखा उनके करियर का कुल तीसरा और 2014 के इंग्लैंड दौरे के बाद से उनका दूसरा सबसे खराब दौर है। बांग्लादेश के खिलाफ पिछले साल नवंबर में टेस्ट सीरीज खत्म होने तक कोहली औसतन अपनी हर छठी पारी में शतक बना रहे थे।
कोहली की खराब फॉर्म का सबूत इन खराब दौरों के दौरान उनके अर्धशतक के खराब आंकड़ों से भी मिलता है। कोहली ने पिछली 19 इंटरनेशनल पारियों में 6 अर्धशतक ही बनाए हैं, उन्होंने इससे पहले 2014 में भी 25 पारियों के दौरान 6 और 2011 में 24 पारियों में 4 अर्धशतक ही लगाए थे।