लंदन, 08 अगस्त: भारत और इंग्लैंड की टीमें गुरुवार से क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में आमने-सामने होंगी। इंग्लैंड एजबेस्टन में खेला गया पहला टेस्ट 31 रन से जीतकर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है। संयोग से भारत ने अपना टेस्ट डेब्यू भी इसी मैदान पर 1932 में किया था, लेकिन भारत को उस मैच में हार मिली थी।
भारत ने अब तक लॉर्ड्स में 17 मैचों में सिर्फ दो जीते हैं जबकि 11 गंवाए हैं। लेकिन इस ऐतिहासिक मैदान पर टीम इंडिया के लिए कई बेहतरीन यादें जुड़ी हैं। भारत ने 1983 का वर्ल्ड कप इसी मैदान पर जीता था। इसके अलावा 1986 और 2014 की टेस्ट जीतों के रूप में बेहतरीन यादें भी जुड़ी हैं। आइए एक नजर डालते हैं लॉर्ड्स में टीम इंडिया से जुड़ी कुछ यादगार लम्हों पर।
1983 की ऐतिहासिक वर्ल्ड कप जीत
कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम को इस वर्ल्ड कप में शायद ही किसी ने जीत का दावेदार माना हो लेकिन टीम ने सारी संभावनाओं को धता बताते हुए सेमीफाइनल में इंग्लैंड को मात देकर फाइनल में दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज से भिड़ंत पक्की की। फाइनल में भारत ने सारे कयासों को उलटते हुए विंडीज को 43 से धूल चटाते हुए पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमा लिया। लॉर्ड्स में हाथों में वर्ल्ड कप थामे कपिल देव की तस्वीर आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट की पहचान बन गई।
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2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में न भूलने वाली जीत
सौरव गांगुली की कप्तानी में खेल रहे भारत को लॉर्ड्स में नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में जीतने के लिए इंग्लैंड से 325 रन का विशाल लक्ष्य मिला। गांगुली-सहवाग की शतकीय ओपनिंग साझेदारी के बाद सचिन समेत भारत के 5 विकेट 158 तक आउट हो गए और हार लगभग तय हो गई। लेकिन दो युवा बल्लेबाजों युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की जोरदार शतकीय साझेदारी की मदद से भारत ने मैच और ट्रॉफी अपनी झोली में डाल ली। जीत के बाद लॉर्ड्स की बालकनी में कप्तान सौरव गांगुली का टीशर्ट लहराना भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार लम्हों में से एक के तौर पर दर्ज हो गया।
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1986 में भारत की लॉर्ड्स में पहली टेस्ट जीत
कपिल देव की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराते हुए लॉर्ड्स में अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की थी। इंग्लैंड ने 294 का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में भारत ने मोहिंदर अमरनाथ (63) और दिलीप वेंगसरकर के नाबाद 126* रन की बदौलत 341 रन बनाए। दूसरी पारी में कपिल देव ने 4 और मनिंदर सिंह ने 3 विकेट लेते हुए इंग्लैंड को 180 रन पर समेट दिया और भारत को जीत के लिए 136 रन का लक्ष्य मिला जिसे उसने 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
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सौरव गांगुली-राहुल द्रविड़ का यादगार टेस्ट डेब्यू
टीम इंडिया के दो महान बल्लेबाजों सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने अपना टेस्ट डेब्यू एक ही मैच में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 20 जून को किया था। गांगुली ने अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़ा था जबकि द्रविड़ ने भी 95 रन की यादगार पारी खेली थी। हालांकि ये मैच ड्रॉ रहा था लेकिन दो महान खिलाड़ियों के डेब्यू का गवाह बनने की वजह से ये टेस्ट मैच भारत के लिए बेहद खास बन गया।
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2014 में भारत की लॉर्ड्स में शानदार जीत
धोनी की कप्तानी में खेल रही टीम इंडिया ने इशांत, रहाणे और भुवनेश्वर के दमदार प्रदर्शन की बदौलत लॉर्ड्स में चले आ रहे टीम इंडिया के 28 सालों के जीत के सूखे को खत्म किया था। अजिंक्य रहाणे के शतक और पहली पारी में भुवनेश्वर कुमार के 6 विकेटों की मदद से भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 319 रन का लक्ष्य दिया जिसके जवाब में इशांत शर्मा ने 74/7 विकेट लेते हुए इंग्लैंड को 223 रन पर समेटते हुए 95 रन से इस मैदान पर अपनी दूसरी टेस्ट जीत दर्ज की थी।
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दिलीप वेंगसरकर का लॉर्ड्स में धमाल
दिलीप वेंगसरकर का बल्ला लॉर्ड्स में जमकर चलता रहा है। इस मैदान पर चार टेस्ट मैचों में वेंगसरकर ने चार शतक जड़े हैं। उन्होंने 72.57 औसत से इस मैदान पर भारत की तरफ से सर्वाधिक 508 रन बनाए हैं। 1986 में शानदार नाबाद शतक जड़ते हुए उन्होंने भारत को इस मैदान पर पहली टेस्ट जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
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2014 में इशांत-रहाणे और भुवी का कमाल
भारत की लॉर्ड्स में दूसरी टेस्ट जीत के हीरो रहे रहाणे, इशांत और भुवी का प्रदर्शन भी इस मैदान पर टीम इंडिया के सबसे यादगार प्रदर्शनों में से एक है। रहाणे (103) ने पहली पारी में शानदार शतक जड़ा था। तो वहीं भुवनेश्वर ने पहली पारी में 82 रन देकर 6 विकेट झटके जबकि इशांत ने दूसरी पारी में कहर ढाती हुई गेंदबाजी की और 74 रन पर 7 विकेट झटकते हुए इंग्लैंड को 223 रन पर समेटते हुए भारत को 95 रन से जीत दिलाने में अहम योगदान दिया था।
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भारत और इंग्लैंड की टीमों के बीच इस मैदान पर खेले गए 17 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड ने 11 जबकि भारत ने दो टेस्ट मैच जीते हैं और चार मैच ड्रॉ रहे हैं।