अगर टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ जीती चौथा टेस्ट, तो 50 साल पुराने इस रिकॉर्ड की कर लेगी बराबरी

India vs England: भारतीय टीम की नजरें साउथम्पटन में होने वाला चौथा टेस्ट जीतकर एक 50 साल पुराना रिकॉर्ड बराबर करने पर होंगी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 25, 2018 3:56 PM

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नई दिल्ली, 25 अगस्त: नॉटिंघम टेस्ट में इंग्लैंड को 203 रन से मात देते हुए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में जोरदार वापसी करने वाली भारतीय टीम अब चौथा टेस्ट खेलने के लिए 30 अगस्त से साउथम्पटन में उतरेगी। टीम इंडिया की नजरें साउथम्पटन में जीत दर्ज करते हुए 50 साल पुराना इतिहास बराबर करने पर होगी। 

कोहली की कप्तानी में बर्मिंघम टेस्ट 31 रन से और लॉर्ड्स टेस्ट एक पारी और 159 रन से गंवाने के बाद भारतीय टीम ने नॉटिंघम में खेले गए तीसरे टेस्ट में 203 रन से जीत दर्ज करते हुए सीरीज को जीवंत बनाए रखा है। अब टीम इंडिया के पास न सिर्फ चौथे टेस्ट को जीतकर सीरीज बराबर करने का मौका है बल्कि 50 साल पुराने एक बेहतरीन रिकॉर्ड की बराबरी हासिल करने का भी सुनहरा अवसर है।

अगर टीम इंडिया चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को हरा देती है तो वह एशिया के बाहर एक कैलेंडर इयर में सबसे ज्यादा टेस्ट जीत का 50 साल पुराना रिकॉर्ड बराबर कर देगी। ये रिकॉर्ड 1968 में मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को उसके घर में 3-1 से मात देते हुए बनाया था। टीम इंडिया नॉटिंघम टेस्ट में इंग्लैंड को मात देने से पहले इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहांसबर्ग टेस्ट भी जीत चुकी है।

ये एक कैलेंडर इयर में भारतीय टीम की एशिया के बाहर सबसे ज्यादा टेस्ट जीत का रिकॉर्ड है जो अब भी कायम है। भारत ने एक साल में विदेशी धरती पर दो बार टेस्ट जीतने का कमाल कई बार किया है। इनमें 1971 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर जीत, 1976 में न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर जीत, 1986 में इंग्लैंड में जीत, 2002 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में जीत, 2005 में जिम्बाब्वे में जीत, 2006 में वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका में जीत और 2016 में वेस्टइंडीज की धरती पर दो टेस्ट जीत शामिल है।

वहीं अगर टीम इंडिया अगले दोनों टेस्ट मैच जीतते हुए सीरीज जीत लेती है तो वह 82 साल पुराना रिकॉर्ड बराबर कर देगी। टेस्ट सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद अब तक सिर्फ एक टीम ही टेस्ट सीरीज जीत पाई है। ये कारनाम डॉन ब्रैडमैन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 1936-37 में इंग्लैंड के खिलाफ उसके घर में 0-2 से पिछड़ने के बावूजद वापसी करते हुए एशेज सीरीज जीतते हुए किया था। 

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